तिरुवनंतपुरम: केरल के सबरीमला मंदिर में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश को लेकर फैसला सुना चुकी है कि बिना किसी भेदभाव के ही मंदिर में सभी उम्र के महिलाएं प्रवेश कर सकती है. इसके बाद भी पिछले दिनों मंदिर में महिलाएं प्रवेश नहीं कर पाई थी. ऐसे में एक बार फिर से सोमवार से मंदिर के कपाट को लोगों के लिए से खोला जाने वाला है.
इसी के मद्देनजर केरल के कई इलाकों में कल से तीन 3 दिन के लिए धारा 144 लगाई जाएगी. इसके साथ ही शनिवार शाम से ही पुरे इलाके को पुलिस के छावनी में तब्दील कर दी जाएगी. ताकि मंदिर के कपाट खुलने पर फिर से किसी तरह का टकराव की नौबत ना आए. इसलिए प्रशासन ने 4 से 6 नवंबर तक सन्नीधनम, पंबा, निलाक्कल और इलावंकुल में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगाने को लेकर फैसला लिया है. यह भी पढ़े: सबरीमाला विवाद: सुरक्षा के चलते पुलिस ने मंदिर को पूरी तरह अपने नियंत्रण में लिया
As the Sabarimala temple is set to open its door for a special prayer on November 5, Pathanamthitta district collector has decided to impose Section 144 in Sannidhanam, Pamba, Nilakkal, and Elavunkal from November 4-6.
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— ANI Digital (@ani_digital) November 3, 2018
पांच दिन के लिए खोला गया था मंदिर
कोट के फैसले के बाद पिछले महीने मंदिर को 17 से 22 अक्टूबर तक पांच दिन तक चलने वाली मासिक पूजा के लिए खोला गया था. उस दौरान देखा गया की प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ श्रद्धालुओं और अन्य संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था. कम से कम एक दर्जन युवा महिलाओं ने मंदिर में जाने का असफल प्रयास किया था, लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. केरल पुलिस की माने तो हिंसक विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ 543 मामले दर्ज किए गए और गुरुवार तक 3,701 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
सरकार के खिलाफ बीजेपी का तीव्र विरोध
भारतीय जनता पार्टी ने कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश नहीं मिल पाने को लेकर पिछले हफ्ते बीजेपी प्रेसिडेंट केरल में अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान भेदवाद का आरोप लगाया था. अमित शाह का कहना था कि सरकार खुद नहीं चाहती है कि मंदिर में एक आस्था के तौर पर सभी उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकें.
क्या है पूरा विवाद
देश के प्रमुख मंदिरों में सबरीमाला मंदिर एक है. इस मंदिर में सदियों से सिर्फ 10 साल की उम्र की कम की बच्चियां और 50 साल के ऊपर की महिलाओं को दर्शन करने को लेकर अब तक इजाजत थी. मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को जाने को लेकर इजाजत मिले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. पिछले दोनों जिस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को जाने को लेकर इजाजत दी. इसके बाद भी कोर्ट के आदेश को धता बताते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.