केजरीवाल सरकार के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम के जरीय बच्चे न केवल कट्टर देशभक्त बन रहे है बल्कि इस पाठ्यक्रम के जरीय उन्हें अपने करियर को चुनने और उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिल रही है. साथ ही पाठ्यक्रम की मदद से बच्चे अपने देश से, यहां के लोगों से, संसाधनों से प्यार करना सीख रहे है. बच्चों में आए इन्ही बदलावों को देखने और देशभक्ति पाठ्यक्रम के अंतर्गत चल रही विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण करने की श्रृंखला को जारी रखते हुए शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सर्वोदय को-एड विद्यालय नंबर.3, पालम का दौरा कर देशभक्ति की कक्षाओं का निरीक्षण किया तथा विभिन्न एक्टिविटीज में शामिल होकर बच्चों तथा टीचर्स के साथ चर्चा की.
इस मौके पर श्री सिसोदिया ने कहा कि, देशभक्ति पाठ्यक्रम से हमारे बच्चों में देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना तो जागृत हो रही है साथ ही हमारे स्कूलों में पढ़ रहे 11वीं-12वीं क्लास के बच्चों में देशभक्ति पाठ्यक्रम की मदद से अपने करियर को चुनने और उसमें सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिल रही है. उन्होंने कहा कि, “बच्चों का कहना है कि देशभक्ति क्लास से उन्हें एग्जाम की तैयारी व करियर पर पूरी लगन से मेहनत करने के लिए प्रेरणा मिल रही है.” देशभक्ति पाठ्यक्रम बच्चो का कट्टर देशभक्त बनाने के साथ, जिंदगी में सफल होने की ताकत दे रहा है. यह भी पढ़े: Delhi Budget 2021-22: शिक्षा पर विशेष बल, दिल्ली में खुलेंगे 100 स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल और वर्चुअल स्कूल
*देशभक्ति पाठ्यक्रम पर बच्चों का क्या कहना है?
विजिट के दौरान देशभक्ति पाठ्यक्रम से जुड़े अपने अनुभवों को उपमुख्यमंत्री के साथ साझा करते हुए बच्चों ने कहा कि देशभक्ति पाठ्यक्रम ने उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के साथ-साथ अपने भविष्य के लक्ष्यों पर फोकस करना सिखाया है.
चर्चा के दौरान 11वीं कक्षा की छात्रा पुष्पा ने कहा कि, 11वीं क्लास ऐसी क्लास होती है जहाँ से हम अपने करियर को लेकर सोचना, उसपर काम करना शुरू कर देते है. ऐसे में देशभक्ति पाठ्यक्रम ने मुझे मेरे करियर को लेकर कड़ी मेहनत करना, अपने सपनों को पूरा करना सिखाया है.मैंने देशभक्ति पाठ्यक्रम में पढ़ा कि कैसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को आजाद करवाने का सपना देखा और अपनी जान का बलिदान देकर भी उस सपने को पूरा किया| यह मुझे प्रेरित करता है कि मैं भी कड़ी मेहनत कर अपने सपनों को पूरा कर सकती हूँ.
एक अन्य छात्र आदित्य ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि, 11वीं-12वीं क्लास में हम सोचने लग जाते है कि डॉक्टर,इंजिनियर,टीचर,सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल,एंत्रप्रेन्योर आदि बने| करियर की इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, खुद की तरक्की के लिए हम मेहनत करने लग जाते है| लेकिन देशभक्ति करिकुलम ने हमें सिखाया है कि कैसे खुद की तरक्की के साथ-साथ अपने प्रोफेशन में देश को जोड़ कर हम देश की तरक्की के लिए काम कर सकते है.
*क्या है केजरीवाल सरकार का देशभक्ति पाठ्यक्रम
देशभक्ति पाठ्यक्रम की केजरीवाल सरकार के स्कूलों में नर्सरी से 12वीं के लिए शुरू किया गया है: यह खुद में अनोखा पाठ्यक्रम है जो किताबों और परीक्षाओं की सीमा से बाहर है: यह पूरा पाठ्यक्रम विद्यार्थी की सोच समझ और मानसिकता के आधार पर डिजाइन किया गया है: जहां वे लोगों से बात करके, अपने दोस्तों से बात करके, स्वयं के अंदर झांककर इस सवाल का जबाव तलाशते है कि देशभक्ति क्या है? देश उनके जीवन में क्या मायने रखता है?
ये पाठ्यक्रम देशभक्ति को चुनिंदा परिभाषाओं तक सीमित नहीं रखता है इसलिए इस पाठ्यक्रम को सीखने के लिए कोई निश्चित सामग्री या नियम नहीं है बल्कि इसमें बच्चें अपने घर,स्कूल की चारदीवारी से बाहर निकल, अपने अनुभवों, वास्तविक जीवन की घटनाओं के आधार पर खुद के लिए देशभक्ति का अर्थ जानने का प्रयास करते है। ये पाठ्यक्रम बच्चों को देशभक्ति के साथ-साथ खुद को जानने का मौका भी देता है क्योंकि पाठ्यक्रम आत्मचिंतन को बढ़ावा देता है