भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) पर चर्चा करने और उसके तौर तरीके को अंतिम रूप देने के लिये 14 मार्च को पहली बैठक अटारी-वाघा बार्डर (भारत की ओर) पर होगी. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि गुरू नानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर और लोगों की पवित्र गुरूद्वारा करतारपुर साहिब तक जाना सुगम बनाने की बहुप्रतिक्षित मांग को पूरा करने के मकसद से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को शुरू करने के सरकार के निर्णय के अनुरूप भारत और पाकिस्तान के बीच पहली बैठक आयोजित होगी. इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर पर चर्चा करने और उसके तौर तरीके को अंतिम रूप देने के लिये 14 मार्च को पहली बैठक अटारी-वाघा बार्डर (भारत की ओर) पर होगी.
मंत्रालय ने कहा कि भारत ने प्रस्ताव किया है कि इस बैठक से इतर उसी दिन कॉरिडोर के संरेखण के विषय पर तकनीकी स्तर पर की चर्चा हो. गौरतलब है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ, जब पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना की पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर हमले और उसके बाद पाकिस्तान के भारतीय वायु क्षेत्र के उल्लंघन से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सहित अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. इन संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाला गया है. यह भी पढ़ें- राफेल डील: रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेज पर बोले राहुल गांधी, अब इस मामले में पीएम मोदी पर मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत
करतारपुर कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालु खुद गुरुदासपुर जिले से करतारपुर साहिब जाकर दर्शन कर सकेंगे. सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने करतारपुर साहिब में अपने जीवन के 18 साल बिताए थे.