लॉकडाउन: बेंगलुरू में डेंटल क्लिनिक में दांत के डॉक्टर ने कराई महिला की डिलीवरी, मां और बच्चा दोनों खतरे से बाहर
डॉक्टर का कहना है कि महिला लेबर पेन में थी तो ऐसे में मां और बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए हमें क्लिनिक में ही डिलिवरी कराने का फैसला किया. डेंटल सर्जन जिन्होंने महिला की डिलिवरी की वह बताती है, महिला ने आने के 10 मिनट के अंदर ही एक प्यारे से बच्चे को जन्म दिया.
बेंगलुरु: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी के चलते लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. ताकि इस महामारी को रोका जा सके. इस बीच देश में घोषित लॉकडाउन के चलते लोगों को खाने पीने की चीजों के साथ ही दूसरी अन्य चीजों को को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि देश में सार्वजनिक ट्रासपोर्ट के साथ ही निजी ट्रासपोर्ट सेवा बंद हैं. इस बीच किसी के घर में कोई मुसीबत आ जाए तो उसे पैदल ही चलाकर कही पर भी जाना पड़ रहा है. लॉकडाउन को लेकर ही कर्नाटक के बेंगलुरु (Bengaluru) में देखा गया कि एक गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को पेट में दर्द होने पर वह पैदल चलाकर अपने पति के साथ अस्पताल जा रही थी. लेकिन दर्द ज्यादा बढ़ने पर महिला ने एक दांत के डॉक्टर की मदद से डेंटल क्लिनिक में बच्चे को जन्म दिया.
महिला की डिलवरी करवाने वाली डेंटल सर्जन डॉ राम्या के अनुसार महिला अपनी पत्नी के साथ 5-7 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यहां पर पहुंची. देखा गया कि उसके पेट में काफी दर्द हो रहा था. उसके आने के 10 मिनट बाद एक प्रीमेच्योर बच्चे को उसने जन्म दिया. डिलीवरी के बाद देखा गया कि बच्चा जिंदा हैं. डॉ राम्या ने कहा कि सबसे परेशानी की बात यह थी महिला की उम्र कम होने के कारण उसे डिलिवरी के वक्त काफी ब्लिडिंग हुई थी. इसलिए मां के साथ बच्चे को आगे के इलाज के लिए बेंगलुरू के केसी चंद्रा सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया है. जहां पर उनका इलाज चल रहा है. मां और बच्चा दोनों खतरे से बाहर भी हैं. यह भी पढ़े: ओडिशा: लॉकडाउन में मदद के लिए आगे बढ़े कदम, मकान मालकिन ने 7 किराएदारों का एक महीने का किराया किया माफ
बता दें कि कोविड-19 के महामारी के चलते देश में पहले 24 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया था. लेकिन इस महामारी में कमी नहीं आने के चलते लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है. ऐसे में इस लॉकडाउन से देश में आम लोगों के साथ ही सभी लोग परेशान होना पड़ रहा है. क्योंकि लोग पिछले 24 मार्च से ही अपने घरों में कैद है.