पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद से देश में पाकिस्तान को लेकर गुस्सा चरम पर है. पाक कलाकारों को बैन करने के बाद भी यह गुस्सा कम नहीं हुआ है. कई जगहों से कश्मीरियों के ऊपर अटैक होने की खबर भी आ चुकी है. इसी कड़ी में अब कराची बेकरी (Karachi Bakery) को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार रात बेंगलुरु (Bengaluru) में कुछ लोगों ने कराची बेकरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. लोगों ने दुकान के नाम को आपत्ति जताई. इसके बाद मजबूरी में दुकान के नाम को ढकना पड़ा. कराची शब्द के ऊपर कवर लगा दिया गया है. यह दुकान काफी पुरानी है.
बेंगलुरु में लोगों कराची बेकरी और कैफे को बंद करने की मांग कर रहे हैं, जिसे 1952 में हैदराबाद प्रवास के बाद 1952 में एक सिंधी विभाजन उत्तरजीवी खानचंद रामनामी ने शुरू किया था. लोगों को बेकरी के नाम पर आपत्ति है. जो पाकिस्तान के एक शहर पर आधारित है. विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि कराची बेकरी एक पाकिस्तानी दुकान है.
पुलिस ने कहा है कि कराची बेकरी को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रॉपर्टी के नुकसान की खबर नहीं है. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान की हर चीज को बैन करने की मांग उठ रही है. भारत लगातार पाकिस्तान से बदले की बात कर रहा है. वहीं पाकिस्तान के तरफ से भी यह कहा गया है कि भारत अगर जंग चाहता है तो पाक भी पीछे नहीं हटेगा.