Kalyan Singh Passes Away: राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर बीजेपी का झंडा लगाए जाने पर विवाद, विरोधी पार्टियों ने जताई आपत्ति
पीएम मोदी ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि (Photo Credits: ANI)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के दिवंगत मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के पार्थिव शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) के उपर रखे गए बीजेपी (BJP) के झंडे की तस्वीर ने सोशल मीडिया (Social Media) पर विवाद (Controversy) खड़ा कर दिया है. बीजेपी द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में राज्य में तिरंगे से लिपटे शव को दिखाया गया है. लेकिन इसका आधा हिस्सा पार्टी के झंडे से ढका हुआ दिखाई दे रहा है. Kalyan Singh Passes Away: कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी हुए भावुक, कहा- एक सामर्थ्यवान नेता खोया है

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कल्याण सिंह के शरीर पर ढके राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर पार्टी का झंडा रखा. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने इस मुद्दे पर बीजेपी की आलोचना की.

उन्होंने ट्वीट किया, "देश से ऊपर पार्टी. तिरंगे के ऊपर झंडा. हमेशा की तरह बीजेपी को कोई पछतावा नहीं, कोई पश्चाताप नहीं, कोई गम नहीं, कोई दुख नहीं."

यूथ कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट किया, "क्या न्यू इंडिया में भारतीय ध्वज पर पार्टी का झंडा लगाना ठीक है?"

यूथ कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा गया है, "तिरंगे के ऊपर बीजेपी का झंडा! क्या स्वघोषित देशभक्त तिरंगे का सम्मान कर रहे हैं या अपमान कर रहे हैं?"

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी सांसद शशि थरूर ने भी इस मुद्दे को उठाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.

उन्होंने कहा, "जिस व्यक्ति को राष्ट्रगान को गाने के दौरान दिल पर हाथ रखने के लिए चार साल तक अदालती मुकदमा लड़ना पड़ा (बल्कि ध्यान से खड़े होने के बजाय), मुझे लगता है कि राष्ट्र को यह बताया जाना चाहिए कि सत्तारूढ़ दल यह अपमान कैसा महसूस करता है."

89 वर्षीय कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार की रात निधन हो गया था, उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने लखनऊ गए थे.

यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम की धारा 2 के मुताबिक, "जो कोई भी सार्वजनिक स्थान या किसी अन्य स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज को विकृत करता है, या नष्ट करता है, रौंदता है या अन्यथा अनादर करता है या भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत के संविधान या उसके किसी भी भाग की अवमानना (चाहे शब्दों द्वारा, या तो बोले गए या लिखित, या कृत्यों द्वारा) करता है, तो उसे कारावास की सजा से दंडित किया जाएगा और इस सजा को तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है साथ ही जुर्माने से दंडित या दोनों के साथ किया जाएगा."

इस साल की शुरूआत में, किसानों की रैली के दौरान प्रतिष्ठित लाल किले पर ध्वज के अनादर का एक उदाहरण हुआ था. किसानों द्वारा किले के प्रांगण में प्रवेश करने और उसकी प्राचीर पर चढ़ने और बाहर एक मस्तूल पर धार्मिक ध्वज फहराने के बाद, केंद्र ने कहा कि वह 'झंडे का अनादर बर्दाश्त नहीं करेगा.'