चमोली/जोशीमठ, 21 जनवरी : बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) को जाने वाला बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भू-धंसाव की चपेट में आता जा रहा है. जोशीमठ भूधंसाव को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ती जारही हैं. एक तरफ जहां दरारों वाले भवनों की संख्या बढ़कर 863 हो गई है, तो वहीं अब बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भू-धंसाव की चपेट में आता जा रहा है. लाखों हिंदुओं की आस्था के केंद्र बदरीनाथ की ओर जाने वाले एकमात्र रास्ते के कई हिस्सों में एक से दो मीटर तक दरारें आई हैं. सरकार फिलहाल मार्ग की मरम्मत की बात कर रही है, लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग को सुचारू रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी.
बदरीनाथ हाईवे धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामरिक ²ष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है. हाईवे पर आईं बड़ी-बड़ी दरारें सरकार की चिंता को ओर बढ़ा रही है. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने कहा कि, जोशीमठ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के धंसाव पर शासन-प्रशासन पूरी नजर बनाए हुए हैं. संबंधित एजेंसियों को मार्ग के मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं. यात्रा से पहले मार्ग को पूरी तरह से दुरूस्त कर दिया जाएगा. यह भी पढ़ें : Andhra Pradesh: पुलिस कांस्टेबल की नौकरी के लिए डॉक्टरेट, एलएलबी, एमटेक डिग्री धारकों ने आवेदन किया
दूसरी तरफ चिंता ये है कि, अगर दरारें नहीं थमीं तो हाईवे का एक बड़ा हिस्सा जमींदोज हो सकता है. ऐसे में बदरीनाथ धाम की राह बाधित होने के साथ ही भारतीय सेना का चीन सीमा से संपर्क भी कट सकता है. क्षेत्र का दौरा कर लौटे भू-विज्ञानी प्रो. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि हाईवे पर दरारों का पैटर्न समानांतर है. इसके अलावा सड़क के किनारे धंस रहे विशालकाय पत्थर भी चिंता को बढ़ा रहे हैं.