चाईबासा, 16 अगस्त : पश्चिम सिंहभूम जिले के अंतर्गत टोंटो प्रखंड के टोपाबेड़ा और हेंदेबुरू टोला में डायरिया ने एक व्यक्ति की जान ले ली, जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग बीमार हो गये हैं. बीमारी का प्रकोप एक हफ्ते से है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बेखबर बना रहा. ज्यादातर बीमार लोग इलाज के बजाय झाड़फूंक और झोला छाप डॉक्टरों का सहारा ले रहे हैं. मंगलवार को खबर लिखे जाने तक दोनों गांवों में स्वास्थ्य टीम भेजे जाने की तैयारी चल रही थी. बताया गया कि हेंदेबुरू टोला में सोमवार की शाम डायरिया के चलते सुखमती लागुरी की मौत हो गयी.
बीमारी से पीड़ितों में मंगल सिंह लागुरी, लादगू लागुरी, प्रीति लागुरी, अर्चना लागुरी, रांदो पुरती, मुक्ता लागुरी, सोमवारी लागुरी, मंजू लागुरी, अनिल लागुरी, अन्नत लागुरी, राम लागुरी, पतोर लागुरी, पार्वती पुरती, सावित्री लागुरी सहित एक दर्जन बच्चे भी हैं. दोनों गांवों में कोई भी ऐसा घर नहीं है, जिसमें कोई डायरिया से पीड़ित नहीं है. कुछ घरों में सारे लोग एक साथ बीमार हैं. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र: सड़क के अभाव में आदिवासी महिला को प्रसव के लिए अस्थायी स्ट्रेचर पर ले जाया गया
इन दोनों गांवों में शुद्ध पेयजल का कोई स्रोत नहीं है. तीन चापाकलों में से दूषित पानी निकलता है. कुओं का भी पानी दूषित है. दोनों गांवों में गंदगी का भी अंबार है. यह समस्या टोंटो प्रखंड के कई गांवों की है. टोंटो प्रखंड में पिछले साल भी आधा दर्जन गांवों में डायरिया फैलने से 20 लोगों की मौत हो गयी थी. ग्रामीणों ने बीते शनिवार को ही गांव में बीमारी फैलने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी थी, लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी बेखबर बने रहे.