झारखंड हाईकोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व विधायक ममता देवी की सजा पर लगाई रोक, लड़ सकेंगी चुनाव
Jharkhand High Court (img:Wikimedia Commons)

रांची, 15 अक्टूबर : दो आपराधिक मुकदमों में जिला अदालतों से सजा मिलने की वजह से वर्ष 2022 में झारखंड विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाली कांग्रेस की पूर्व विधायक ममता देवी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जिला अदालतों के फैसलों को चुनौती देते हुए दायर की गई क्रिमिनल अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच ने दोनों मामलों में उनकी सजा पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनके चुनाव लड़ने पर लगी रोक तात्कालिक तौर पर निष्प्रभावी हो गई है. राज्य की रामगढ़ सीट से कांग्रेस की विधायक रहीं ममता देवी को रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र में वर्ष 2016 में हुए बहुचर्चित गोली कांड में हजारीबाग स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट ने वर्ष 2022 के दिसंबर महीने में पांच साल की सजा सुनाई थी.

दरअसल, गोला थाना क्षेत्र स्थित इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी में मजदूरों के शोषण का आरोप लगाते हुए ममता देवी की अगुवाई में प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शन अचानक हिंसक हो उठा था और इस दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज और फायरिंग की थी. इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 24 लोग घायल हो गए थे. इसी मामले में अदालत ने ममता देवी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. यह भी पढ़ें : झारखंड में एनडीए और ‘इंडिया’ के बीच चुनावी संग्राम का आगाज, दोनों पक्ष आमने-सामने

इस घटना से जुड़े मामले में उनके खिलाफ रजरप्पा थाने में एक अन्य केस दर्ज हुआ था, जिसमें उन्हें रामगढ़ जिला कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी. हजारीबाग की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद रामगढ़ की तत्कालीन कांग्रेस विधायक ममता देवी को जेल जाना पड़ा था और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. फिलहाल, वह दोनों मामलों में पहले से जमानत पर हैं. इन दोनों मामलों में झारखंड हाईकोर्ट में उनकी क्रिमिनल अपील पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने दलील पेश की, जबकि राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता भोला नाथ ओझा ने पक्ष रखा.