कोरोना से जंग: झारखंड में तंबाकू पर लगा बैन, सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर होगी कानूनी कार्रवाई
हेमंत सोरेन (Photo Credits: PTI)

देश में कोरोना के मरीजों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जो केंद्र और राज्य की सरकारों के लिए बेहद चिंता का विषय बन गई हैं. यही कारण है कि राज्य सरकारों ने कोरोना से निपटने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं. इसी कड़ी में झारखंड की सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर सभी तरह के तंबाकू उत्पादों के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य सरकार के अनुसार तंबाकू, सिगरेट के सेवन और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है. जिसके चलते राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ सरकार ने कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा, तंबाकू के सेवन पर प्रतिबंध रहेगा.

दरअसल धूम्ररहित तंबाकू खाने वाले लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत होती है और इससे कोविड-19, टीबी, स्वाइन फ्लू, इन्सेफ्लाइटिस आदि फैलने का खतरा बढ़ता है. खुदरा दुकानें, जहां यह धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों की बिक्री होती है, वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं और इससे भी कोविड-19 फैलने का खतरा बढ़ता है. बता दें कि झारखंड से पहले कई राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू, पान मसाला और गुटखा खाकर थूकने पर बैन लगा रखा है. यह भी पढ़ें:- COVID-19 से जंग के लिए सड़क पर उतरी देश की पहली कोरोना टेस्टिंग मोबाइल लैब, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने किया लॉन्च.

ANI का ट्वीट:- 

गौरतलब हो कि आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1895 संक्रमितों में से 1536 प्रवासी मजदूर हैं जो देश के विभिन्न भागों से राज्य में वापस अपने घरों को लौटे हैं. इसमें कहा गया है कि राज्य के 1895 संक्रमितों में से 1151 अब तक ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं जबकि 734 अन्य संक्रमितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है. अब तक 6 लाख 89 हजार से अधिक लोग राज्य के बाहर से झारखण्ड आ चुके है. वापस लौटे प्रवासियों में से 5 लाख 11 हजार 663 लोगों को प्रवासी मजदूर के रूप में चिन्हित किया गया है. ( भाषा इनपुट)