श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह (DGP Dilbag Singh) ने गुरुवार को कहा कि 2018-19 के मुकाबले इस साल आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. उन्होंने कहा, 2019 की तुलना में आतंकवादी रैंकों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है. हालांकि सकारात्मक पहलू यह है कि उनमें से 70 प्रतिशत या तो समाप्त हो गए या गिरफ्तार कर लिए गए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कई प्रयासों के बावजूद इस साल घुसपैठ के मामले पिछले तीन-चार वर्षों में सबसे कम हैं. पाक की अधिकांश नापाक हरकतों को नाकाम कर दिया गया.
डीजीपी दिलबाग सिंह ने साल के आखिरी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे साल घाटी में हुईं आतंकी गतिविधियों को लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों पर पानी फिरने की वजह से पाकिस्तानियों को स्थानीय आतंकियों पर निर्भर होना पड़ा और उन्होंने ड्रोन के जरिए हथियारों, विस्फोटक सामग्री और नकदी सप्लाइ करने की कोशिश की गई जिन्हें सेना ने नाकाम कर दिया. जम्मू-कश्मीर सरकार ने बढ़ाए गए COVID-19 प्रतिबंध, नए दिशानिर्देश के तहत सभी स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान जनवरी तक बंद.
आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में आई गिरावट
There has been a slight increase in the number of people joining terrorist ranks in comparison to 2019. However, the positive aspect is that 70 per cent of them were either eliminated or arrested. The shelf life of terrorists has decreased: #JammuAndKashmir DGP Dilbag Singh https://t.co/wozuxystd3
— ANI (@ANI) December 31, 2020
डीजीपी ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में दर्जन भर आतंकी थे लेकिन अब ये संख्या घटकर 3 रह गई है. दिलबाग सिंह ने कहा, 'ये आतंकी किश्तवर जिले में छिपे हुए हैं जिन्हें ट्रैक किया जा रहा है.' डीजीपी ने बताया कि आतंकियों की शेल्फ लाइफ भी कम हुई है. भारतीय सेना लगातार घाटी से आंतकियों का सफाया कर रही है.