जम्मू-कश्मीर: थल सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचा जस का तस बना हुआ है और भारतीय सरजमीं में घुसपैठ करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार तकरीबन 160 आतंकवादी इंतजार कर रहे हैं. नगोटा स्थित व्हाइट नाइट कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर का पद भार संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने यह भी कहा कि सीमा पार से आतंकवाद तभी रूकेगा, जब पाकिस्तान अपनी नीति और मंसूबा बदलेगा.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में किए गए 2016 के ‘‘सर्जिकल स्ट्राइक’’ की योजना बनाने में शामिल रहे अधिकारी ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि थल सेना अपनी तैयारियां नहीं बंद कर रही है और घुसपैठ रोधी ढांचा घुसपैठियों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत है.
जम्मू कश्मीर के सभी तीन क्षेत्रों में सेवा दे चुके लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के अलग - अलग ठिकानों से 140 से 160 आतंकवादी राज्य में भेजे जाने वाले हैं.’’ उन्होंने कहा कि आतंकी ढांचा जस का तस बना हुआ है और पाकिस्तान का मंसूबा भी नहीं बदला है. घुसपैठ और आतंकी हमलों की साजिश रचने में पाकिस्तानी थल सेना और आईएसआई की मिलीभगत जाहिर है. यह भी पढ़ें: J&K: एक और कश्मीरी छात्र का आतंकवादी बनना है बेहद चिंताजनक- उमर अब्दुल्ला
एलओसी पर स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि डीजीएमओ स्तर की वार्ताओं के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं कम हुई हैं. उन्होंने कहा कि एलओसी पर सैनिकों के लिए कोई संघर्ष विराम नहीं है. हालांकि, पाकिस्तान सेना द्वारा बगैर उकसावे की गोलीबारी और अग्रिम चौकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश जारी है. हम गोलीबारी की शुरूआत नहीं करते, लेकिन हम माकूल जवाब देते हैं.
सर्दियों के मौसम के दौरान पेश आने वाली चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा कि सेना का यह पूर्वानुमान है कि पाकिस्तानी सैनिक बर्फ से ढंके इलाकों से और गैर पारंपरिक मार्गों से घुसपैठियों को घुसाने की कोशिश करेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, ‘‘हमारी सभी आकस्मिक योजनाएं तैयार हैं. हमने सभी सुरक्षा एजेंसियों से तालमेल बिठाया है और योजना को सुगमता से क्रियान्वित किया जा रहा है.