नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) पर संसद की स्थायी समिति (I&T) ने फेसबुक इंडिया (Facebook India) और गूगल इंडिया (Google India) के प्रतिनिधियों को समन जारी करके 29 जून को समिति के सामने पेश होने को कहा है. समिति नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और उनकी रोकथाम पर कंपनियों के प्रतिनिधियों से सोशल ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म (Online,News Media Platforms) के दुरुपयोग की रोकथाम पर उनके विचार जानेगी. मंगलवार को होने वाली ये बैठक शाम चार बजे होगी. संसद भवन एनेक्सी में समिति के सदस्यों, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information and Technology) के अधिकारियों और फेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह बैठक होगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य शशि थरूर (Shashi Tharoor) समिति के अध्यक्ष हैं, जिसमें 31 सदस्य शामिल हैं जिसमें 21 लोकसभा (Loksabha) से और 10 राज्यसभा (Rajyasabha) के सदस्य हैं. Twitter: भारत में ट्विटर के अंतरिम शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने दिया इस्तीफा, हाल ही में हुई थी नियुक्ति
बैठक के कार्यक्रम में उल्लेख किया गया है कि ये बैठक नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और डिजिटल स्पेस में महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित सोशल ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग की रोकथाम विषय पर फेसबुक इंडिया और गूगल इंडिया के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनने के लिए है.
6 जुलाई को अपनी अगली बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधि समिति के समक्ष विषय से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे. समिति और फेसबुक, गूगल और ट्विटर सहित सोशल मीडिया साइटों के प्रतिनिधियों के बीच दो बैठकें हो चुकी हैं.
हाल ही में एक समिति ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन समाचारों के दुरुपयोग को रोकने के तरीके पर प्रतिनिधित्व देने के लिए ट्विटर को 18 जून को पेश होने के लिए बुलाया था. 20 जून को, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने स्पष्ट किया था कि भारत के नए आईटी नियम सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकतार्ओं को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. साल 2018 में सरकार द्वारा नागरिक समाज और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद उन्हें अंतिम रूप दिया गया था.
केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (नए आईटी नियम) तैयार किए हैं और इसे इस साल 25 फरवरी को अधिसूचित किया है. ये नियम 26 मई से लागू हो गए हैं.
इस साल जनवरी में, समिति ने फेसबुक और ट्विटर के अधिकारियों को सोशल मीडिया या ऑनलाइन समाचार प्लेटफार्मों के दुरुपयोग पर सवाल करने के लिए समन जारी किया था. समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक पूर्वाग्रह के मुद्दे पर फेसबुक के भारत प्रमुख अजीत मोहन से भी पूछताछ की है.
सोशल नेटवकिर्ंग साइटों के दुरुपयोग का संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने 14 जून को ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम से इन सोशल नेटवकिर्ंग साइटों पर पोस्ट के बारे में एक रिपोर्ट मांगी, जिसमें अनाथ बच्चों को अवैध रूप से कोविड महामारी के दौरान गोद लेने की पेशकश की जा रही थी.
शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने इन चार सोशल मीडिया संस्थाओं को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वे इस तरह की पोस्ट की रिपोर्ट करने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.