Yangchen Lachungpa Arrest: सिक्किम के बर्फीले पहाड़ों के बीच छिपकर बचती फिर रही इंटरपोल वॉंटेड वाइल्डलाइफ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई. पिछले एक दशक से जिसे पकड़ना मुश्किल हो रहा था, वह 2 दिसंबर की रात लाचुंग गांव में घिर गई और उसकी कहानी फिल्मी अंदाज़ में खत्म हुई.
10 साल से फरार इंटरपोल वॉंटेड तस्कर यांगचेन गिरफ्तार,
A press release by Ministry of Environment, Forest and Climate Change reads, "The Madhya Pradesh State Tiger Strike Force (MP STSF), in a coordinated operation with the Wildlife Crime Control Bureau (WCCB), has successfully apprehended Ms. Yangchen Lachungpa, an international… pic.twitter.com/l0HqcYEITp
— Press Trust of India (@PTI_News) December 5, 2025
10 साल से चकमा देती रही
यांगचेन पिछले कई वर्षों से भारत से लेकर नेपाल, तिब्बत और चीन के बीच तस्करी के नेटवर्क का अहम हिस्सा मानी जाती थी. जांच एजेंसियों का दावा है कि वह इतनी चतुर थी कि छापेमारी से कुछ घंटे पहले ही ठिकाना बदल देती थी. कई बार तो वह पहाड़ों के रास्तों से निकलकर सीधा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में गायब हो जाती थी. यही वजह थी कि उसे "घोस्ट ट्रैफिकर" के नाम से भी पहचाना जाता था.
काउंसिल के बीच फंसी पुलिस
गिरफ्तारी वाली रात सबसे बड़ा ड्रामा तब हुआ जब MP की स्पेशल टाइगर स्ट्राइक फोर्स और WCCB की टीम लाचुंग की पारंपरिक 'जुम्सा' काउंसिल में फंस गई. गांव वालों ने रास्ता रोक दिया और अफसरों से कागज दिखाने को कहा. टीम के सामने इंटरपोल रेड नोटिस के तहत वांछित अपराधी बैठी थी, पर उन्हें पहले सौ साल पुराने नियमों में फंसी काउंसिल को मनाना पड़ा. ठंड, अंधेरा और गांव की घेराबंदी, फिर भी आखिरकार पुलिस उसे हिरासत में लेने में कामयाब रही.
फोन और कोडेड डायरी मिली
गिरफ्तारी के दौरान यांगचेन ने दो मोबाइल और एक कोडेड डायरी नष्ट करने की कोशिश भी की. यही डायरी अब इस पूरे इंटरनेशनल नेटवर्क के असली सरगना और पैसों के रास्तों का राज खोल सकती है. बताया जा रहा है कि भारत के कई टाइगर रिजर्व, नेपाल के रास्ते से तिब्बत और चीन तक उसका नेटवर्क फैला हुआ था. इसमें टाइगर स्किन, पैंथर, पेंगोलिन स्केल, रेड सैंडर्स और कई प्रतिबंधित वन्य उत्पादों की तस्करी के सुराग मिल रहे हैं.
कई देशों की जब्तियां नाम से जुड़ीं
2013 और 2015 में नेपाल और इथियोपिया में पकड़ी गई टाइगर स्किन भी इसी नेटवर्क से जुड़ी थी. MP के सतपुरा और पेंच इलाके में पकड़ी गई बड़ी खेप के बाद से ही अधिकारी उसे 'मिसिंग लिंक' मानते थे. कई आरोपी पकड़े गए, कई को सजा भी मिली, लेकिन यांगचेन लगातार फरार रही.
कई और गिरफ्तारी संभव
यांगचेन को पहले गंगटोक ले जाया गया और फिर कोर्ट में पेश किया गया. अब MP पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड हासिल कर ली है. जांच एजेंसियों का मानना है कि उसकी गिरफ्तारी से इंटरनेशनल वाइल्डलाइफ सिंडिकेट के बड़े खिलाड़ियों तक पहुंचने का रास्ता खुल जाएगा. आने वाले दिनों में कई राज्यों और विदेशों में भी गिरफ्तारियां संभव बताई जा रही हैं.













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