International Women’s Day 2022: डब्ल्यूसीडी ने शिक्षा मंत्रालय और यूनिसेफ की साझेदारी में 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' अभियान शुरू किया
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 8 मार्च : महिला और बाल विकास मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय और यूनिसेफ के साथ साझेदारी में 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' अभियान शुरू किया, जो स्कूली किशोरियों को औपचारिक शिक्षा में वापस लाने के लिए है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, महिला और बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने शिक्षा मंत्रालय और यूनिसेफ के साथ साझेदारी में, भारत में स्कूली किशोर लड़कियों को औपचारिक रूप से वापस लाने के लिए एक ऐतिहासिक अभियान कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव शुरू किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी, राज्यमंत्री डॉ. महेंद्रभाई मुंजपारा और शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने की. इसके साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और किशोरिययां इस कार्यक्रम में शामिल हुईं. उन्होंने स्कूल में फिर से शामिल होने के बारे में अपने अनुभव साझा किए.

स्कूल में 11-14 साल की उम्र की लड़कियों के नामांकन और प्रतिधारण को बढ़ाने के उद्देश्य से अभियान शुरू किया गया है. इस पहल का उद्देश्य स्कूली लड़कियों के लिए एक व्यापक प्रणाली पर काम करने के लिए मौजूदा योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे किशोर लड़कियों (एसएजी), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर निर्माण करना है. यह भी पढ़ें : International Women’s Day 2022: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी

बालिकाओं की शिक्षा के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि सरकार महिलाओं और लड़कियों के साथ काम करने की आवश्यकता को पूरी तरह से स्वीकार करती है और स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, वित्तीय साक्षरता सहित कौशल निर्माण, युवा महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने और समान दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए निरंतर निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस मौके पर अन्नपूर्णा देवी ने कहा, "शिक्षा मंत्रालय के लिए पिछले वर्षों में लड़कियों के नामांकन को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन पिछले दो वर्षों की महामारी के आलोक में, हमारे प्रयासों में शामिल होना और लड़कियों के नामांकन के लिए व्यवस्थित रूप से समर्थन का लाभ उठाना अनिवार्य हो गया है. लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा में बदलने और पूरा करने में सहायता करने पर ध्यान देने की जरूरत है." वहीं राज्यमंत्री, डॉ. महेंद्रभाई मुंजपारा ने कहा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जैसे योजनाबद्ध हस्तक्षेप जो 2015 में बालिकाओं को मनाने और शिक्षा को सक्षम करने के समग्र लक्ष्य के लिए शुरू किया गया था.