CBSE में पढ़ने वाले छात्रों और उनके माता-पिता के लिए एक बहुत बड़ी खबर है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 2026 में होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई बड़े बदलावों का ऐलान किया है. सबसे बड़ा और अच्छा बदलाव यह है कि 2026 से 10वीं क्लास के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं होंगी.
10वीं क्लास के लिए दो बोर्ड परीक्षा क्यों?
यह बदलाव छात्रों का तनाव कम करने और उनका साल बचाने के लिए किया गया है. अब अगर कोई छात्र पहली बोर्ड परीक्षा में किसी विषय में फेल हो जाता है या किसी कारण से परीक्षा नहीं दे पाता है, तो उसे अपना साल बर्बाद करने की ज़रूरत नहीं होगी. वह कुछ ही महीनों बाद होने वाली दूसरी बोर्ड परीक्षा में शामिल होकर 10वीं पास कर सकता है.
जो छात्र अपने नंबरों से खुश नहीं हैं और उन्हें सुधारना चाहते हैं, वे भी दूसरी परीक्षा दे सकते हैं. इससे उन पर एक ही मौके का दबाव कम होगा.
परीक्षा की तारीखें भी आ गईं
CBSE ने 2026 परीक्षाओं का एक संभावित टाइम-टेबल भी जारी कर दिया है.
- पहली बोर्ड परीक्षा: 17 फरवरी से 15 जुलाई, 2026 के बीच आयोजित की जाएगी.
- 10वीं की दूसरी बोर्ड परीक्षा: 15 मई से 30 मई, 2026 तक चलेगी.
- कम्पार्टमेंट परीक्षा: 1 जून, 2026 को होगी.
परीक्षा का समय सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा.
कुछ और ज़रूरी नियम और गाइडलाइन्स
- 75% अटेंडेंस ज़रूरी: बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्र की स्कूल में कम से कम 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है.
- पूरा प्रोग्राम: अब 10वीं और 12वीं को एक पूरा प्रोग्राम माना जाएगा. इसका मतलब है कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए छात्र को 9वीं और 10वीं दोनों क्लास पूरी करनी होगी. इसी तरह, 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए 11वीं क्लास पास करना ज़रूरी होगा.
- इंटरनल असेसमेंट: स्कूल में होने वाले इंटरनल असेसमेंट में शामिल होना भी बहुत ज़रूरी है. अगर कोई छात्र इसमें हिस्सा नहीं लेता है, तो उसका रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा.
- डिजिलॉकर पर रिजल्ट: पहली बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट छात्र के डिजिलॉकर अकाउंट में उपलब्ध होगा, जिसका इस्तेमाल वे 11वीं क्लास में एडमिशन लेने के लिए कर सकते हैं.
- खिलाड़ियों को छूट: जो छात्र स्पोर्ट्स में हैं और पहली परीक्षा नहीं दे पाते हैं, उन्हें दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
इस साल 45 लाख से ज़्यादा छात्रों के CBSE बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद है, जो पिछले साल से 3 लाख ज़्यादा है. कुल मिलाकर, CBSE के ये नए नियम छात्रों को अधिक मौके देने और परीक्षा के तनाव को कम करने की एक अच्छी कोशिश है.













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