यूपी में टीवी क्राइम शो से प्रेरित 5 लड़कों ने 7 साल की बच्ची को किया अगवा
पांच नाबालिग लड़कों ने एक लोकप्रिय टीवी अपराध धारावाहिक देखा और फिरौती के लिए सात साल के एक लड़के का अपहरण कर लिया और फिर उसकी हत्या कर दी. आरोपी लड़कों की उम्र 15 से 16 साल के बीच है और वे 10वीं कक्षा में पढ़ते हैं.
बुलंदशहर (यूपी), 17 जुलाई : पांच नाबालिग लड़कों ने एक लोकप्रिय टीवी अपराध धारावाहिक देखा और फिरौती के लिए सात साल के एक लड़के का अपहरण कर लिया और फिर उसकी हत्या कर दी. आरोपी लड़कों की उम्र 15 से 16 साल के बीच है और वे 10वीं कक्षा में पढ़ते हैं. बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने कहा है, "लड़के को 9 जुलाई को किशोरों ने उसके स्कूल से उठाया था और फिर अलीगढ़ ले जाया गया, जहां उन्होंने रूमाल का उपयोग करके उसे मौत के घाट उतार दिया. उन्होंने उसके शरीर को एक नदी में फेंक दिया जो बाद में बरामद हुई." छतरी थाना क्षेत्र के शेखूपुर गांव में रहने वाले बच्चे के पिता की शिकायत के आधार पर सबसे पहले आईपीसी की धारा 363 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
पुलिस ने कहा, "जांच और निष्कर्षो के बाद, आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है." एसएसपी ने कहा, "एक किशोर ने वित्तीय लेनदेन करते समय गलती से 40,000 रुपये खो दिए थे और इसे लेकर चिंतित थे. बाद में उन्होंने अपने दोस्तों को अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद उन सभी ने स्कूल से एक बच्चे को फिरौती के लिए अपहरण करने का फैसला किया ताकि उसके नुकसान की भरपाई की जा सके." एसएसपी ने कहा, "9 जुलाई को, पीड़िता स्कूल पहुंचने वाले पहले कुछ छात्रों में से थी. आरोपी ने विशेष रूप से उसका अपहरण करने की योजना नहीं बनाई थी, लेकिन उसे उठा लिया गया था क्योंकि वह स्कूल जल्दी पहुंच गया था और उस समय बहुत से लोग नहीं थे." यह भी पढ़ें : Goa: दिगंबर कामत के खिलाफ कांग्रेस का बड़ा एक्शन, सीडब्ल्यूसी में Permanent invitee के पद से हटाए गए
उन्होंने आगे कहा, "किशोरी, जो उसी स्कूल में पढ़ता था, ने लड़के को अपनी कक्षा के बाहर खेलते हुए देखा और फिर उसे स्कूल की सीमा पर ले गया, जहां उसके अन्य सहयोगी, जो एक अलग स्कूल में पढ़ते थे, पहले से मौजूद थे." दोनों आरोपी लड़के को मोटरसाइकिल पर सवार कर अलीगढ़ ले गए जबकि दूसरा बस से वहां पहुंचा. वे लड़के को अलीगढ़ ले गए थे क्योंकि वहां एक आरोपी का घर था और लड़के को वहीं बंधक बनाकर रखा गया था. हालांकि, बाद में किशोर यह सोचकर घबरा गए कि अगर उनकी योजना सफल नहीं हुई तो वे क्या करेंगे और सोचा कि वे मुसीबत में पड़ सकते हैं.
एसएसपी ने कहा, "उन्होंने फिर लड़के को मारने का फैसला किया और उसके शव को नदी में फेंक दिया. उन्होंने उसका रूमाल सुनसान इलाके में झाड़ियों में फेंक दिया और बुलंदशहर लौट आए." अगले दिन अलीगढ़ में नदी से बच्चे का शव मिला और उसकी पहचान बुलंदशहर से लापता लड़के के रूप में हुई. छह टीमों का गठन किया गया जिन्होंने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और मामले के संबंध में 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की. मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया.