दुनिया भर में हर साल 26 सितंबर को वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्शन डे यानी गर्भनिरोध दिवस मनाया जाता है, ताकि महिलाएं और पुरुष कॉन्ट्रासेप्शन यानी गर्भनिरोध के सुरक्षित तरीकों के बारे में जान सकें और जागरूक हो सकें. हालांकि कॉन्ट्रासेप्शन के कई तरीके मौजूद हैं, जिनमें कुछ स्थायी और कुछ अस्थायी हैं. ऐसे में दुनिया भर की महिलाएं और पुरुष अपनी-अपनी जरूरतों और सहूलियतों के हिसाब से गर्भनिरोध के तरीकों को अपनाते हैं, ताकि वो अनचाही प्रेग्नेंसी के खतरे को टाल सकें.
ज्यादातर मामलों में अनचाहे गर्भ से बचने का सारा जिम्मा महिलाओं के कंधे पर डाल दिया जाता है, जबकि पुरुषों के लिए गर्भनिरोध के कई आसान तरीके मौजूद हैं. चलिए वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्शन डे के इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं पुरुषों और महिलाओं के लिए गर्भनिरोध के कुछ आसान व कारगर तरीके.
पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक
1-कॉन्डम
कॉन्डम को पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक के तौर पर सबसे ज्यादा कारगर माना जाता है. यह अनचाहे गर्भ के ठहरने के खतरे को दूर करने के साथ-साथ इंफेक्शन से फैलने वाली बीमारियों से भी बचाता है. गर्भनिरोध के इस तरीके को 98 फीसदी तक कारगर माना जाता है. यह भी पढ़ें: प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए स्मार्ट स्क्रीनिंग है जरूरी: विशेषज्ञ
2- विड्रॉल
यह कॉन्ट्रासेप्शन का एक मैकेनिकल तरीका है. इस मेथड में संबंध बनाते समय पुरुष डिस्चार्ज की अवस्था में पहुंचने से पहले ही अपने प्राइवेट पार्ट को बाहर निकाल देते हैं, जिससे स्पर्म उनकी महिला पार्टनर के शरीर में प्रवेश नहीं कर पाता है. हालांकि इस तरीके को वो कपल्स ज्यादा अपनाते हैं जो कॉन्डम का इस्तेमाल करने से बचना चाहते हैं.
3- स्टेरेलाइजेशन
यह गर्भनिरोध का एक स्थायी तरीका है, जिसमें पुरुषों के शरीर से स्पर्म के बाहर आने वाले रास्ते को ऑपरेशन के जरिए बंद कर दिया जाता है. स्टेरेलाइजेशन से न तो पुरुषों की कामेच्छा में कमी आती है और न ही किसी तरह का कोई साइडइफेक्ट देखने को मिलता है. माइक्रोस्कोपिक मेथड से आप 15-20 हजार में ऑपरेशन करा सकते हैं और इस तरीके को 98 फीसदी तक कारगर बताया जाता है.
4- मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल
एक खास अंतराल पर मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को लेने से यह गर्भ निरोधक का काम करेगी. यह गोली पुरुषों के स्पर्म बनने की प्रक्रिया को ही रोक देगी. हालांकि कामेच्छा को बनाए रखने के लिए इस गोली के साथ पुरुषों को कुछ इंजेक्शन भी लेने पड़ेंगे. हालांकि अभी इस गर्भनिरोध के तरीके पर ट्रायल अपने शुरुआती चरण में है और मार्केट में आने में अभी उसे 5 साल का समय लग सकता है. यह भी पढ़ें: ये 5 काम करेंगे तो बेड पर आपकी पार्टनर कभी मायूस नहीं होगी
5- मेल जेल कॉन्ट्रासेप्टिव
इस जेल को उस नली में इंजेक्ट किया जाता है, जहां से स्पर्म सीमन से मिलकर शरीर से बाहर आते हैं. यह गर्भनिरोधक जेल उस रास्ते को बंद कर देता है, जिससे स्पर्म शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं और अनचाहे गर्भ के ठहरने का खतरा टल जाता है. फिलहाल इसका सफल ट्रायल जानवरों पर ही हुआ है और मार्केट में आने में अभी इसे 5 साल और लग सकते हैं.
महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक
1-स्टेरेलाइजेशन
महिलाओं के इस स्थायी गर्भनिरोधक को ऑपरेशन या ट्यूबेक्टॉमी भी कहा जाता है. इसमें सर्जरी करके उस रास्ते को बंद कर दिया जाता है, जिससे होकर अंडे गर्भधारण की प्रक्रिया के लिए स्पर्म से मिलते हैं. यह उन महिलाओं के लिए काफी सहूलियत भरा होता है, जिनके बच्चे हैं और भविष्य में वो कभी बच्चा नहीं चाहतीं. गर्भनिरोध के इस तरीके को शत प्रतिशत कारगर बताया जाता है.
2- रेग्युलर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स
अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए महिलाएं रोज खाई जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं. इन गोलियों के नियमित सेवन से प्रेग्नेंसी की संभावना न के बराबर होती है. इन गोलियों को पीरियड शुरू होने के दिन से लेना होता है. गर्भनिरोध के इस तरीके में हर महीने तकरीबन 1500 रुपये का खर्च आता है.
3- इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स
अनसेफ सेक्स के बाद प्रेग्नेंसी से बचने के लिए इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल किया जाता है. इन गोलियों को संबंध बनाने के बाद 72 घंटों के भीतर लेना होता है. इस गोली को आई-पिल कहा जाता है. हालांकि इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल इमरजेंसी में किया जाना चाहिए.
4- तुरंत इस्तेमाल होने वाली गोली
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए संबंध बनाने से तुरंत पहले इस गर्भनिरोध गोली को महिलाओं को अपने प्राइवेट पार्ट में रखना पड़ता है. यह गोली 2-3 मिनट के भीतर घुल जाती है, जिसके बाद संबंध बनाने पर गर्भधारण की संभावना काफी कम हो जाती है.
5- पैच भी है एक बेहतर ऑप्शन
बदलते वक्त के साथ-साथ गर्भनिरोध के कई मॉडर्न तरीके भी मार्केट में आ गए हैं. इनमें से एक है पैच, जिन्हें शरीर पर कहीं भी चिपकाया जा सकता है और इनमें से लगातार शरीर के भीतर रिसने वाला हार्मोन गर्भधारण की चिंता को बनाए रखता है. एक पैच एक हफ्ते तक काम करता है और इसे आमतौर पर तीन हफ्तों के ब्रेक के बाद पहना जाता है, जिससे चौथे हफ्ते में पीरियड्स आ सके. फिलहाल इस पैच से होने वाले बुरे प्रभावों पर शोध जारी है और मार्केट में आने में अभी इसे वक्त लगेगा.
6- मैजिक रिंग
इस रिंग को महिला के प्राइवेट पार्ट में फिट किया जाता है. ढाई इंच डायमीटर वाली यह रिंग अंदर जाकर दूसरी हार्मोनल गोलियों की तरह ओवेलुशन और प्रजनन में सहायता करने वाले हार्मोंस को रोक देती हैं. मैजिक रिंग काफी अडवांस स्टेज में है और काफी कम इस्तेमाल की जा रही है. आने वाले 4-5 सालों में इसके मार्केट में आने की उम्मीद जताई जा रही है.
7- बर्थ कंट्रोल इंप्लाट
इसे ऑपरेशन के जरिए बांह में लगवा लिया जाता है. मेटल के इस बर्थ कंट्रोल इंप्लांट में प्रॉजेस्ट्रॉन हॉर्मोन होता है जो शरीर में धीरे-धीरे रिसता रहता है, जिससे गर्भधारण में रूकावट आती है. यह इंप्लांट तीन साल तक काम करता है. हालांकि इसके इस्तेमाल के बाद कई तरह के साइड इफेक्ट भी देखे गए हैं. बताया जाता है कि इसकी वजह से कभी-कभी पीरियड्स पूरी तरह से रुक जाते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल फिलहाल बहुत कम किया जा रहा है.
8- इंट्रा यूटेराइन डिवाइस (IUD)
यूटरस में लगने वाले ये डिवाइस टी(T) और यू(U) शेप में आते हैं. T शेप वाले को कॉपर टी और U शेप वाले डिवाइस को मल्टिलोड कहा जाता है. इन डिवाइस को यूटरस में फिट कर दिया जाता है. इसे लंबे समय तक प्रेग्नेंसी को रोकने का अच्छा और काफी कारगर तरीका माना जाता है. जरूरत पड़ने पर इसे हटवाया भी जा सकता है और जिसके बाद महिलाएं फिर से गर्भधारण कर सकती हैं.