Reliance Q1 Result: देश की प्रमुख रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध लाभ तेल-पेट्रो रसायन कारोबार के फीके प्रदर्शन की वजह से 11 प्रतिशत घटकर 16,011 करोड़ रुपये रहा. आरआईएल ने शुक्रवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी. एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 17,955 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
तिमाही आधार पर भी कंपनी के शुद्ध लाभ में कमी आई है. जनवरी-मार्च, 2023 में कंपनी का शुद्ध लाभ रिकॉर्ड 19,299 करोड़ रुपये रहा था. रिलायंस इंडस्ट्रीज की परिचालन आय भी चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 2.1 लाख करोड़ रुपये रही. बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 2.22 लाख करोड़ रुपये रही जबकि जनवरी-मार्च, 2023 में यह 2.16 करोड़ रुपये थी. कच्चे तेल की कीमतों में 31 प्रतिशत की गिरावट का इस आय पर असर पड़ा है. India GDP Growth: खुशखबरी! ADB ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.4 फीसदी पर रखा बरकरार
रिलायंस इंडस्ट्रीज की आय कम होने का मुख्य कारण कच्चे तेल के दाम में गिरावट और डीजल जैसे ईंधन पर मार्जिन में आई कमी है. पिछले साल की तुलना में इस साल की जून तिमाही में डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर रिफाइनिंग मार्जिन घट गया है. हालांकि आरआईएल के खुदरा और दूरसंचार खंडों का प्रदर्शन बीती तिमाही में अच्छा रहा है. नए दूरसंचार ग्राहकों के जुड़ने और 5जी प्रौद्योगिकी अपनाने के अलावा प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) के मजबूत रहने से रिलायंस जियो की आय बढ़ी है. इसी तरह रिलायंस रिटेल ने भी कोई त्योहारी मांग न होने के बावजूद बढ़िया प्रदर्शन किया है.
बीती तिमाही में ऊंची ब्याज दरों और बकाया कर्ज के कारण वित्त लागत 46 प्रतिशत बढ़कर 5,837 करोड़ रुपये हो गई. सभी व्यवसायों में विस्तारित परिसंपत्ति आधार और डिजिटल सेवा व्यवसाय में नेटवर्क उपयोग बढ़ने से मूल्यह्रास/ परिशोधन व्यय 31.7 प्रतिशत बढ़कर 11,775 करोड़ रुपये हो गया.
परिचालन के स्तर पर कंपनी की जून तिमाही में कर-पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) पांच प्रतिशत बढ़कर 41,982 करोड़ रुपये हो गई. आरआईएल के प्रमुख कारोबार तेल रिफाइनिंग एवं पेट्रोरसायन (तेल-रसायन कारोबार) की कर-पूर्व आय 23.2 प्रतिशत गिरकर 15,271 करोड़ रुपये पर आ गई.
रिलायंस ने बयान में कहा कि मंदी से जुड़ी आशंकाओं और ऊंची ब्याज दरों के अलावा चीन में रफ्तार धीमी रहने से स्टॉक हटाने की प्रवृत्ति ने मांग को प्रभावित किया. इस वजह से तिमाही में निर्यात 28 प्रतिशत घट गया. डिजिटल सेवा कारोबार रिलायंस जियो इन्फोकॉम का शुद्ध लाभ पहली तिमाही में 12.5 प्रतिशत बढ़कर 5,098 करोड़ रुपये हो गया.
उपभोक्ता आधार बढ़कर 44.85 करोड़ हो गया और एआरपीयू (प्रति उपभोक्ता औसत आय) भी मार्च तिमाही के 178.8 रुपये से बढ़कर 180.5 रुपये हो गया. इसके अलावा उपभोक्ताओं के 5जी सेवाओं और आईपीएल स्ट्रीमिंग की ओर रुख करने से भी राजस्व बढ़ा. वहीं, खुदरा कारोबार से मुनाफा 19 प्रतिशत बढ़कर 2,448 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान रिलायंस रिटेल के स्टोर की संख्या 18,040 से बढ़कर 18,446 हो गई. कंपनी ने कहा कि उसका शुद्ध कर्ज 1.26 लाख करोड़ रुपये है.
आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने इन नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "इस तिमाही में रिलायंस का मजबूत परिचालन एवं वित्तीय प्रदर्शन औद्योगिक एवं उपभोक्ता क्षेत्रों में मांग पूरा करने वाले हमारे कारोबारों के विविधिकृत पोर्टफोलियो की मजबूती को दर्शाता है."
अंबानी के मुताबिक, जियो की 'ट्रू 5जी' सेवाओं की त्वरित पेशकश देश में तेजी से डिजिटल बदलाव ला रही है. खुदरा व्यापार ने तेजी से स्टोर बढ़ाने और ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि के साथ मजबूत वृद्धि दर्ज की जबकि तेल एवं रसायन कारोबार ने वैश्विक व्यापक प्रतिकूलताओं के बावजूद मजबूत प्रदर्शन किया.
उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) को अलग करने की प्रक्रिया पटरी पर है. उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि जेएफएसएल भारत में वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने की विशेष स्थिति में है."
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