New Fine Charges For Over Speed: भारत में, तेज रफ्तार वाहन चलाना एक गंभीर अपराध है. कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक मार्ग पर शासन द्वारा निर्धारित गति सीमा का उल्लंघन करता है, तेज गति से वाहन चलाता है, जिससे किसी व्यक्ति को खतरा उत्पन्न होने मात्र की संभावना हो, तब वह व्यक्ति दोषी होगा और उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा.
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 112 के संदर्भ में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने, 6 अप्रैल 2018 की अधिसूचना एसओ 1522 (ई) के अंतर्गत, भारत में विभिन्न सड़कों पर चलने वाले मोटर वाहनों के विभिन्न वर्गों के संबंध में अधिकतम गति सीमा तय कर दी है. मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 183 में अत्यधिक गति से वाहन चलाने के लिए दंड के निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
| मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 183 की उपधारा (1) | मोटर वाहन की श्रेणी | अच्छा |
| खण्ड (i) | हल्के मोटर वाहन | एक हजार रुपये से कम नहीं होगा, बल्कि दो हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है |
| खण्ड (ii) | मध्यम माल वाहन या मध्यम यात्री वाहन या भारी माल वाहन या भारी यात्री वाहन | दो हजार रुपये से कम नहीं होगा, बल्कि चार हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है |
| खण्ड (iii) | धारा 183 की उपधारा (1) के तहत दूसरे या किसी भी बाद के अपराध के लिए। | ऐसे चालक का ड्राइविंग लाइसेंस धारा 206 की उपधारा (4) के प्रावधानों के अनुसार, जब्त कर लिया जाएगा |
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में निहित प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों का कार्यान्वयन संबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के दायरे में आता है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी आज लोकसभा को एक लिखित उत्तर में दी.













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