पहली बार वोट डालने से पहले जान लें कैसे होता है EVM और VVPAT का इस्तेमाल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

बस कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र (Maharashtra) और हरियाणा (Haryana) में नई सरकार के गठन के लिए विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2019) होने वाले है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र और 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली है. 21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में एक लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसमें दर्जनों राजनीतिक दलों की किस्मत कैद होगी. चुनाव आयोग मतों की गिनती और परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

आगामी चुनाव से पहले नए मतदाताओं को यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि किस तरह से ईवीएम के जरिए वोट डाला जाता है और कैसे वीवीपीएटी पर सत्यापित किया जाता है. ऐसे वोट डालने के लिए करें ईवीएम का उपयोग-

ईवीएम एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो वोट रिकॉर्ड करता है. सबसे पहले मतदाता सूची में आपको अपना नाम दर्ज है या नहीं पता करना पड़ेगा. इसके लिए मतदान केंद्र पर मौजूद अधिकारी को मतदाता पहचान पत्र या अन्य पहचान पत्र दिखाना पड़ेगा. मतदान अधिकारी फिर मतदाता सूची में आपके नाम की जांच करेगा. इसके बाद व्यक्ति की उंगली पर स्याही लगाई जाएगी और उसे वोट डालने के लिए ईवीएम के पास भेजा जाएगा.

ईवीएम के पास जाने से पहले मतदान अधिकारी एक पर्ची देगा और आपके एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर लेगा (फॉर्म 17 ए). इसके बाद आपको कतार में आगे बैठे मतदान अधिकारी को पर्ची जमा करने और अपनी स्याही लगी उंगली दिखाने के लिए कहा जाएगा.

इसके बाद ईवीएम मशीन पर लगी बटन मतदान अधिकारी द्वारा एक्टिव कर दी जाएगी. ईवीएम मशीन पर प्रत्येक उम्मीदवार के नाम और पार्टी के प्रतीक के अलावा, एक नीला बटन होगा. जहां मतदाता को अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम और संबंधित पार्टी के सिंबल से लगे बटन को दबाना होगा.

जैसे ही मतदाता यह `नीला बटन' दबाता है, उस उम्मीदवार विशेष के प्रतीक के सामने की बत्ती लाल रंग में चमक उठती है और एक लंबी बीप आवाज सुनाई देती है. इस प्रकार आपका वोट सही तरह से दर्ज हो गया है.

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन क्या है ?

ईवीएम मतों को दर्ज करने का एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है. यह दो इकाइयों से बनी होती हैं - एक कंट्रोल यूनिट और एक बैलेटिंग यूनिट - जो पाँच-मीटर केबल से जुड़ी होती हैं. नियंत्रण इकाई पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखी जाती है और बैलेट यूनिट को मतदान कम्पार्टमेंट के अंदर रखा जाता है. मतपत्र जारी करने के बजाय, कंट्रोल यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी कंट्रोल यूनिट पर मतपत्र बटन दबाकर एक मतपत्र जारी करेंगे. इससे मतदाता अपनी पसंद के अभ्यर्थी और प्रतीक के सामने बैलेट यूनिट पर नीले बटन को दबाकर अपना वोट डाल सकेगा. भारत में इस्तेमाल की जा रही ईवीएम में अधिकतम 2,000 वोट दर्ज हो सकते है.

वीवीपीएटी क्या है ?

वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानि वीवीपीएटी ईवीएम से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनका वोट उनके इच्छा के अनुरूप पड़ा है. जब कोई वोट डाला जाता है, तो अभ्यर्थी के नाम, क्रम संख्‍या और प्रतीक वाली एक पर्ची मुद्रित होती है और 7 सेकंड के लिए एक पारदर्शी कांच के माध्यम से दिखाई देती है. उसके बाद, यह पर्ची स्वचालित रूप से कट जाती है और वीवीपीएटी के सीलबंद ड्रॉप बॉक्स में गिर जाती है.