भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसलों की घोषणा करते हुए बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च तक 645.6 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 24 में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारतीय रुपया सबसे स्थिर मुद्रा रहा है.
आपको याद होगा कि इससे पहले 22 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 14 करोड़ डॉलर बढ़कर 642.63 बिलियन डॉलर हो गया था.
अब सवाल उठता है कि आखिर ये विदेशी मुद्रा भंडार है क्या? आसान शब्दों में समझें तो ये वो डॉलर, यूरो जैसी विदेशी मुद्राओं का भंडार है जो भारतीय रिजर्व बैंक रखता है. इसे मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा माना जाता है.
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, "India's Foreign exchange reserves reached an all-time high of $645.6 billion as of March 29, 2024..." pic.twitter.com/b1FQ6ogaDF
— ANI (@ANI) April 5, 2024
साथ ही, गौर करने वाली बात ये है कि भारतीय रिजर्व बैंक जरूरत के हिसाब से रुपये को गिरने से रोकने के लिए बाजार में दखल देता है, ज्यादातर डॉलर बेचकर. मगर वो कभी भी किसी खास रेट को बनाए रखने का लक्ष्य नहीं रखता, बस इतना करता है कि रुपये की कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव न आए.