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Income Tax: इन बीमारियों पर हुए खर्च को करें क्लेम, बच जाएगा आपका ढेर सारा इनकम टैक्‍स

कुछ महीने बाद वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला है. इससे पहले देश के टैक्सपेयर्स पैसे बचाने की जगात में लग गए है. यहीं वजह है कि फरवरी और मार्च के महीने में सभी कमाने वाले लोग चाहे वो बिजनेस करने वाला हो या नौकरीपेशा, यही कोशिश करता है.

जरुरी जानकारी Dinesh Dubey|
Income Tax: इन बीमारियों पर हुए खर्च को करें क्लेम, बच जाएगा आपका ढेर सारा इनकम टैक्‍स
रुपया (Photo Credits: Flickr)

Income Tax 2019: कुछ महीने बाद वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला है. इससे पहले देश के टैक्सपेयर्स पैसे बचाने की जगात में लग गए है. यहीं वजह है कि फरवरी और मार्च के महीने में सभी कमाने वाले लोग चाहे वो बिजनेस करने वाला हो या नौकरीपेशा, यही कोशिश करता है कि उसे कम से कम इनकम टैक्‍स भरना पड़े. इसलिए इन दों महीनों को कई लोग टैक्स सेविंग सीजन भी कहते है.

मौजूदा समय में लोगों के तमाम तरह के खर्चे होते है. इसलिए टैक्सपेयर्स की चाहत होती है कि वह अपना अधिक से अधिक पैसा सही तरीके से बचा सके. जिससे अधिकारियों की नजर भी ना पड़े और उसकी कुल आय टैक्स भरने की सीमा से बाहर रहे. लेकिन अक्सर पैसे बचाने के चक्कर में लोग टैक्स चोरी करने लगते है जो कि क़ानून जुर्म है.

भारत में इलाज पर होने वाला खर्च एक बड़ी चिंता बनकर उभरा है. हर साल लोगों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा इलाज लेने और दवाईयों पर खर्च होता है. जिसकी वजह से कई बार घर का बजट तक बिगड़ जाता है. ऐसे में आप टैक्स चोरी के अपराध से बचकर मेडिकल खर्चों पर इनकम टैक्‍स में छुट पा सकते है. इसलिए हम आपको कुछ ऐसे ही आसान तरीके बताने जा रहें हैं जो आपके पैसे बचाएगी.

मेडिकल खर्चों पर इनकम टैक्‍स बचाने की छुट धारा 80सी के तहत मिलती है. इसके अंतर्गत उपलब्‍ध विकल्‍पों जैसे पीपीएफ, लाइफ इंश्‍योरेंस, बैंकों के टैक्‍स सेविंग फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट, म्‍युचुअल फंडों की इक्विटी लिंक्‍ड से�down_toggle" href="https://www.latestly.com/elections/assembly-elections/" title="विधानसभा चुनाव" target="_blank">चुनाव

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Income Tax: इन बीमारियों पर हुए खर्च को करें क्लेम, बच जाएगा आपका ढेर सारा इनकम टैक्‍स

कुछ महीने बाद वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला है. इससे पहले देश के टैक्सपेयर्स पैसे बचाने की जगात में लग गए है. यहीं वजह है कि फरवरी और मार्च के महीने में सभी कमाने वाले लोग चाहे वो बिजनेस करने वाला हो या नौकरीपेशा, यही कोशिश करता है.

जरुरी जानकारी Dinesh Dubey|
Income Tax: इन बीमारियों पर हुए खर्च को करें क्लेम, बच जाएगा आपका ढेर सारा इनकम टैक्‍स
रुपया (Photo Credits: Flickr)

Income Tax 2019: कुछ महीने बाद वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला है. इससे पहले देश के टैक्सपेयर्स पैसे बचाने की जगात में लग गए है. यहीं वजह है कि फरवरी और मार्च के महीने में सभी कमाने वाले लोग चाहे वो बिजनेस करने वाला हो या नौकरीपेशा, यही कोशिश करता है कि उसे कम से कम इनकम टैक्‍स भरना पड़े. इसलिए इन दों महीनों को कई लोग टैक्स सेविंग सीजन भी कहते है.

मौजूदा समय में लोगों के तमाम तरह के खर्चे होते है. इसलिए टैक्सपेयर्स की चाहत होती है कि वह अपना अधिक से अधिक पैसा सही तरीके से बचा सके. जिससे अधिकारियों की नजर भी ना पड़े और उसकी कुल आय टैक्स भरने की सीमा से बाहर रहे. लेकिन अक्सर पैसे बचाने के चक्कर में लोग टैक्स चोरी करने लगते है जो कि क़ानून जुर्म है.

भारत में इलाज पर होने वाला खर्च एक बड़ी चिंता बनकर उभरा है. हर साल लोगों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा इलाज लेने और दवाईयों पर खर्च होता है. जिसकी वजह से कई बार घर का बजट तक बिगड़ जाता है. ऐसे में आप टैक्स चोरी के अपराध से बचकर मेडिकल खर्चों पर इनकम टैक्‍स में छुट पा सकते है. इसलिए हम आपको कुछ ऐसे ही आसान तरीके बताने जा रहें हैं जो आपके पैसे बचाएगी.

मेडिकल खर्चों पर इनकम टैक्‍स बचाने की छुट धारा 80सी के तहत मिलती है. इसके अंतर्गत उपलब्‍ध विकल्‍पों जैसे पीपीएफ, लाइफ इंश्‍योरेंस, बैंकों के टैक्‍स सेविंग फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट, म्‍युचुअल फंडों की इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्‍स स्‍कीम आदि में पैसे लगा सकते है. जो टैक्स फ्री होगा. हालांकि, आप चाहें तो बचा कर नहीं बल्कि इलाज पर पैसे खर्च कर भी इनकम टैक्‍स की देनदारी घटा सकते हैं.

इसके अलावा सेक्शन 80डीडीबी के तहत कुछ खास बीमारियों पर किए जाने वाले खर्च पर इनकम टैक्स में छुट क्लेम किया जा सकता है. साथ ही यदि परिवार का सदस्य दिव्यांग है और पूरी तरह आश्रित है तो भी इस सेक्शन के तहत आयकर में छुट मांगी जा सकती है.

सेक्शन 80डीडीबी के अनुसार टैक्सपेयर्स न्यूरोलॉजिकल बीमारी, जिसमें अपंगता का लेवल 40 फीसदी या ज्यादा हो, मैलायंट कैंसर, फुल ब्लोन एड्स, क्रोनिक रीनल फेल्यर, हीमोफीलिया व थैलसीमिया पर खर्च को इनकम टैक्स में क्लेम कर सकता है. यह क्लेम पति या पत्‍नी, बच्‍चे, माता-पिता या भाई-बहनों के लिए किया जा सकता है.

यह भी पढ़े- Income Tax बचाने के 6 स्मार्ट तरीकें जरुर पढ़े, होगा बड़ा फायदा

हेल्थ इंश्योरेंस से बचेगा पैसा-

हेल्थ इंश्योरेंस से आप हर साल करीब 55,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स बचा सकते हैं. इसमें से आप खुद के मेडिकल इंश्‍योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर प्रति वर्ष 25,000 रुपए जबकि पेरेंट्स के लिए मेडिकल इंश्‍योरेंस प्रीमियम भुगतान पर 30,000 रुपए की छूट का दावा कर सकते है.

�िंग्‍स स्‍कीम आदि में पैसे लगा सकते है. जो टैक्स फ्री होगा. हालांकि, आप चाहें तो बचा कर नहीं बल्कि इलाज पर पैसे खर्च कर भी इनकम टैक्‍स की देनदारी घटा सकते हैं.

इसके अलावा सेक्शन 80डीडीबी के तहत कुछ खास बीमारियों पर किए जाने वाले खर्च पर इनकम टैक्स में छुट क्लेम किया जा सकता है. साथ ही यदि परिवार का सदस्य दिव्यांग है और पूरी तरह आश्रित है तो भी इस सेक्शन के तहत आयकर में छुट मांगी जा सकती है.

सेक्शन 80डीडीबी के अनुसार टैक्सपेयर्स न्यूरोलॉजिकल बीमारी, जिसमें अपंगता का लेवल 40 फीसदी या ज्यादा हो, मैलायंट कैंसर, फुल ब्लोन एड्स, क्रोनिक रीनल फेल्यर, हीमोफीलिया व थैलसीमिया पर खर्च को इनकम टैक्स में क्लेम कर सकता है. यह क्लेम पति या पत्‍नी, बच्‍चे, माता-पिता या भाई-बहनों के लिए किया जा सकता है.

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हेल्थ इंश्योरेंस से बचेगा पैसा-

हेल्थ इंश्योरेंस से आप हर साल करीब 55,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स बचा सकते हैं. इसमें से आप खुद के मेडिकल इंश्‍योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर प्रति वर्ष 25,000 रुपए जबकि पेरेंट्स के लिए मेडिकल इंश्‍योरेंस प्रीमियम भुगतान पर 30,000 रुपए की छूट का दावा कर सकते है.

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