UPI Limit For Tax Payments Hiked: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं जो भारतीय वित्तीय प्रणाली में बड़े बदलाव ला सकती हैं. आरबीआई की नई नीति में डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के लिए पब्लिक रिपॉजिटरी बनाने और यूपीआई टैक्स भुगतान सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव शामिल हैं.
डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के लिए पब्लिक रिपॉजिटरी
आरबीआई गवर्नर ने घोषणा की कि डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के लिए एक सार्वजनिक रिपॉजिटरी बनाने का प्रस्ताव है. इस रिपॉजिटरी का उद्देश्य अनधिकृत लेंडिंग ऐप्स को रोकना और ग्राहकों को सुरक्षित रखना है. इससे उपयोगकर्ता यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि वे जिन ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं वे आधिकारिक और सुरक्षित हैं. यह कदम वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने और डिजिटल लेंडिंग के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने में मदद करेगा.
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को रिपोर्टिंग के लिए कम समय सीमा
आरबीआई गवर्नर ने क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को रिपोर्टिंग के लिए समय सीमा को कम करने का प्रस्ताव भी रखा है. इसका मतलब है कि वित्तीय संस्थानों को अपने ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी को अधिक तेजी से अपडेट करना होगा. यह कदम ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर को अधिक वास्तविक समय में बनाए रखने में मदद करेगा और उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से समझने का मौका देगा.
#RBIPolicy | 'To up #UPI tax payment limit to Rs 5 Lk from Rs 1 Lk;' RBI Governor also proposes to create a public repository of digital lending apps pic.twitter.com/aO3YmF5AuN
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) August 8, 2024
UPI टैक्स भुगतान सीमा में वृद्धि
आरबीआई गवर्नर ने UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के माध्यम से टैक्स भुगतान की सीमा को वर्तमान 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है. यह कदम व्यापारियों और ग्राहकों के लिए बड़ी राशि के लेन-देन को और भी सरल और सुविधाजनक बनाएगा. यूपीआई के माध्यम से टैक्स भुगतान की सीमा बढ़ाने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और कैशलेस इकोनॉमी की ओर एक और कदम बढ़ेगा.
UPI में डेलीगेटेड भुगतान की सुविधा
आरबीआई गवर्नर ने यूपीआई में डेलीगेटेड भुगतान की सुविधा को भी पेश करने का प्रस्ताव रखा है. इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता किसी अन्य व्यक्ति को अपने यूपीआई अकाउंट से भुगतान करने का अधिकार दे सकेंगे. यह सुविधा विशेष रूप से व्यवसायिक और पारिवारिक लेन-देन के लिए उपयोगी होगी, जहां कई बार एक ही अकाउंट से विभिन्न लोगों को भुगतान करना होता है.