Satta Matka and Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नीति निर्माताओं के लिए सख्त नियम जरूरी, GNLU की रिपोर्ट में खुलासा
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अहमदाबाद, 4 सितंबर: गांधीनगर स्थित गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (जीएनएलयू) द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर अध्ययन के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति ने ई-गेमिंग के लिए “मजबूत और राष्ट्रीय स्तर पर सुसंगत नियमन” की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है.

‘गेमिंग में व्यापक प्रतिबंध और अनिवार्य सीमाओं का मूल्यांकन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में, जीएनएलयू ने ऑनलाइन गेमिंग के लिए संतुलित नियामक ढांचा प्रदान करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अकेले 2023 में 56 करोड़ 80 लाख ऑनलाइन गेमर्स और 9.5 अरब से अधिक गेमिंग ऐप डाउनलोड हुए, जो दुनिया के कुल मोबाइल गेम डाउनलोड का 15 प्रतिशत है.

विशेषज्ञ समिति ने “ऑनलाइन गेमिंग के मजबूत और राष्ट्रीय स्तर पर सुसंगत विनियमन की तत्काल आवश्यकता’’ का आह्वान किया.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अप्रैल, 2023 में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (ऑनलाइन गेमिंग नियम) में संशोधन पेश करके ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए कदम उठाये थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों ने अपने स्वयं के कानून बनाए हैं तथा कौशल वाले खेलों की अलग-अलग व्याख्याएं की हैं. य़े भी पढ़ें Satta Matka Mumbai Online Results: ऑनलाइन सट्टा मटका रिजल्ट चार्ट देखने से पहले जानें कहीं आप अधिकारिक के नाम पर फ्रॉड वेबसाइट के शिकार तो नहीं हो रहे

इसमें कहा गया है कि आंध्र प्रदेश, असम और तेलंगाना जैसे राज्यों ने अपने स्वयं के कानून बनाए हैं, जो कौशल आधारित खेलों को मिलने वाली छूट को समाप्त कर देते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह, नगालैंड जैसे कुछ राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए कानून बनाए हैं.

विशेषज्ञों ने अध्ययन में कहा, ‘‘नीति निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियामक उपाय संविधान द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रता का उल्लंघन न करें.’’

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