विजयन के 'घर' में कांग्रेस ने माकपा को दिया जोर का झटका
Pinarayi Vijayan

तिरुवनंतपुरम, 22 अगस्त : भले ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) ने कन्नूर जिले में मत्तनूर नगर पालिका जीत ली, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 35 सदस्यीय स्थानीय निकाय में 14 सीटें जीत कर अपनी ताकत दोगुनी करने में कामयाबी हासिल की. हालांकि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव 2020 में हुए, लेकिन मत्तनूर नगरपालिका का पांच साल का कार्यकाल अगस्त 2022 को समाप्त हो रहा है. यह वामपंथ की लगातार सातवीं जीत है.

एक नए निकाय के चुनाव के लिए चुनाव 20 अगस्त को हुआ था, वोटों की गिनती सोमवार सुबह शुरू हुई और मतगणना के अंत में, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने अपनी सीटों को सात से 14 तक कर लिया, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) के नेतृत्व वाले वाम दलों ने अपनी सीटों में गिरावट देखी. 2017 में 28 सीटों से 21 हो गई. यह भी पढ़ें : सांबा में लापता छात्रा का शव पंजाब में मिला, प्रदर्शनकारियों ने किया राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध

कन्नूर, माकपा का सबसे मजबूत गढ़ है और विजयन, वाम संयोजक और पूर्व मंत्री -- ई.पी. जयराजन, के.के. शैलजा, राज्य के स्थानीय स्वशासन मंत्री एम.वी. गोविंदन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन भी इसी जिले से आते हैं. असल में जो चौंकाने वाला है वह है शैलजा का वार्ड, जिसे कांग्रेस ने जीत लिया है. शैलजा ने हालांकि 140 सीटों वाली केरल विधानसभा में मट्टन्नूर विधानसभा सीट 60,963 मतों से जीत एक रिकॉर्ड बनाया था.

कन्नूर जिले के 11 विधानसभा क्षेत्रों में से, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) के नेतृत्व वाले वाम के पास 9, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के पास सिर्फ दो सीटें हैं. जब से विजयन, उनकी पत्नी और बेटी के खिलाफ सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने खुलासे किए हैं, तब से विजयन की लोकप्रियता गिरती जा रही है और ऐसा लगता है कि कांग्रेस को बढ़ावा मिला है. सीटों में बढ़ोतरी के साथ ही कांग्रेस विजयन के होम ग्राउंड में पैठ बनाने में सफल रही है.