नई दिल्ली: भारत लगातार अंतरिक्ष में अपने कदम बढ़ाकर नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है. इस बीच मंगलवार को भारत के सबसे महात्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन की तारीख तय हो गई है. इसरो ने ऐलान किया है कि चंद्रयान-2 मिशन को अगले साल 3 जनवरी को लॉन्च किया जाएगा. लॉन्च होने के चालीस दिन बाद ये चांद पर लैंड होगा. मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसरो चेयरमैन के. सिवान ने बताया कि मार्च 2019 से पहले भारत करीब 19 मिशन को लॉन्च करेगा. बता दें कि चंद्रयान-2 को इसी साल अंतरिक्ष में जाना था, लेकिन इसके डिजाइन में कुछ बदलाव किए जाने थे जिसके कारण इसमें देरी हुई. यह मिशन पहले 2 बार टाला जा चुका है.
नए डिजाइन में करीब 600 किलोग्राम की बढ़ोतरी भी की गई है. दरअसल, प्रयोगों के दौरान पता चला था कि उपग्रह से जब चंद्रमा पर उतरने वाला हिस्सा बाहर निकलेगा तो उपग्रह हिलने लगेगा. इसलिए इसके डिजाइन में सुधार और वजन बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई.
Mass of Chandrayan 2 has increased to 3.8 ton which can't be launched by GSLV.We have redefined launch vehicle to GSLV-Mk-III.Window for launch is 03Jan-16Feb. It would be the first mission in world going near South Pole,i.e. 72 degree South is landing site: ISRO Chairman K Sivan pic.twitter.com/63Y8vkjVEl
— ANI (@ANI) August 28, 2018
In January 2019, we will have a major mission Chandrayan 2 by GSLV-Mk-III-M1. We have taken a review by experts throughout the country. They appreciated our efforts saying this is the most complex mission ISRO has ever taken: ISRO Chairman K Sivan pic.twitter.com/Vo32aPudgS
— ANI (@ANI) August 28, 2018
यह चांद के चारों ओर चक्कर काटेगा और उसका अध्ययन करेगा. चंद्रयान के पेलोड चांद की सतह से वैज्ञानिक सूचनाएं और नमूने एकत्र करेंगे. यह पेलोड चांद के खनिज, तत्वों की संरचना, चांद के वातावरण और वाटर आइस का भी अध्ययन करेगा. बता दें कि इसरो ने अपना पहला चंद्र अभियान चंद्रयान-1 वर्ष 2008 में लांच किया था.
भारत बनेगा चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश
इस मिशन के लॉन्च के साथ ही भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन जाएगा. दरअसल, तकनीकी कारण को मिशन में देरी की वजह बताया गया. हालांकि अब इसरो के ऐलान के साथ जल्द ही भारत का सपना पूरा होने वाला है. अब तक अमेरिका, रूस और चीन चांद पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं. अब चांद तक पहुंचने की रेस में दो एशियाई देश भारत और इजरायल हैं. ISRO 2022 तक स्पेस में भेजेगा भारतीय अंतरिक्ष यात्री, तैयारियां शुरू
दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा यह चंद्रयान
इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो पहली बार अपने यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश करेगा. भारत के चंद्रयान-1 अभियान ने ही पहली बार चांद पर पानी की खोज की थी. चंद्रयान-2 इसी अभियान का विस्तार है. इस मिशन की खास बात यह होगी कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब (72 डिग्री दक्षिण) लैंडर उतारने वाला भारत पहला देश होगा. इसरो प्रमुख ने बताया कि चांद के इस हिस्से में तेज सूरज की रोशनी नहीं पड़ती. इससे वहां पानी और खनिज पदार्थों कि ज्यादा संभावना है. साथ ही चंद्रमा के हिस्से में दिन ज्यादा समय तक रहता है जिससे प्रयोग करने में आसानी होगी.
भारत की दूसरी चंद्रयात्रा
यह भारत की दूसरी चांद यात्रा है. भारत के मून रोवर की पहली तस्वीर इसरो के 800 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट चंद्रयान- 2 मिशन का हिस्सा ही है. कहा जा रहा है कि चंद्रयान-2 मिशन के जरिए भारत दक्षिण ध्रुव के करीब सॉफ्ट लैंडिंग कर, छह पहियों वाले रोवर को स्थापित करने की तैयारी में है, ताकि चांद की सतह से जुड़ी जानकारियां हासिल की जा सकें. अपने इस मून मिशन के लिए भारत अपने सबसे भारी रॉकेट बाहुबली का इस्तेमाल कर रहा है.
चंद्रयान-1 ने दी थी सतह पर बर्फ की जानकारी
हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चंद्रयान- 1 को मिले उस डेटा की जानकारी पर मुहर लगाई है. जिसमें चांद पर बर्फ मिलने की बात थी. भारत के उपग्रह चंद्रयान- 1 ने ही चांद पर बर्फ होने की खबर दी थी.
बता दें कि लॉन्च होने के बाद ये उपग्रह (चंद्रयान-1) आठ साल तक अंतरिक्ष में कहीं गुम हो गया था. जिसे पिछले साल मार्च में ही नासा ने खोज निकाला था.