नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र (Budget Session 2019) 31 जनवरी से शुरू होने वाला है. इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) देश का आर्थिक सर्वेक्षण (इकनॉमिक सर्वे) पेश करने वाले है. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सर्वे पेश करेंगे. और उसके बाद एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे. यह मोदी सरकार का छठा और आखिरी बजट होगा.
इकनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 7% से 7.5% रहने की संभावना जताई गई थी. सर्वे में कहा गया था कि टैक्स भरने वालों की तादाद बढ़ेगी. सर्वे में दावा किया गया था कि अगर कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो देश में महंगाई और बढ़ेगी. जो कि सही साबित हुई.
इकनॉमिक सर्वे क्या है?
वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण आमतौर पर वार्षिक बजट से पहले पेश किया जाता है. ये अर्थव्यवस्था की आधिकारिक रिपोर्ट होती है. इस साल वित्त मंत्री अरुण जेटली 29 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने जा रहे हैं. इसके एक दिन बाद यानि 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2018-19 पेश किया जाएगा.
इकनॉमिक सर्वे में क्या होता है?
इस सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था, पूर्वानुमान और नीति चुनौतियों की विस्तृत जानकारी होती है. इसमें जरूरी क्षेत्रवार रूपरेखा और सुधार के उपायों की विवेचना होती है. ये सर्वेक्षण भविष्य में बनाई जाने वाली नीतियों के लिए एक दृष्टिकोण का काम करता है.
इकनॉमिक सर्वे कौन तैयार करता है?
आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार और उनकी टीम तैयार करती है. इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रहमण्यम हैं. यह भी पढ़े- Budget 2019: मिडल क्लास और किसानों को बड़ी सौगात देगा अबकी बार का बजट?
इकनॉमिक सर्वे में क्या होता है सबसे खास?
इस सर्वेक्षण में आर्थिक विकास का अनुमान लगाया जाता है. सरकार इसमें अर्थव्यवस्था के तेज या धीमे होने से जुड़े विस्तृत कारण भी बताती है.
इकनॉमिक सर्वे नीतियों के लिए क्यों है अहम?
सरकार के आर्थिक सलाहकारों की परिषद ने नीतियों में बदलाव लाने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण का इस्तेमाल किया है. कई बार ये उपाय बहुत व्यापक भी होते हैं. उदाहरण के लिए, इस साल काफी उम्मीद लगाई जा रही है कि सर्वेक्षण में यूनिवर्सल बेसिक इनकम की सिफारिश की जाएगी. ये गरीबी उन्मूलन योजना है जिसमें लोगों के बैंक अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किये जाएंगे.
इकनॉमिक सर्वे की सिफारिशों सरकार के लिए मानना जरुरी है?
नहीं, सरकार इस सर्वेक्षण की सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है ये सिर्फ नीतियां बनाने के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करती है.