7th Pay Commission: मोदी सरकार ने बदला एक और नियम, इन केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
रुपया (Photo Credits: PTI)

7th CPC News: कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के मकसद से एक और बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश में सुधार किया गया है. केंद्र सरकार के तहत कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा लाए गए कुछ प्रमुख सुधारों के बारे में जानकारी देते हुए कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार के पुरुष कर्मचारी भी अब बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश के हकदार होंगे. हालांकि केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश (सीसीएल) का प्रावधान और विशेषाधिकार केवल उन पुरुष कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा जो "एकल पुरुष अभिभावक" हैं. इस श्रेणी में वैसे पुरुष कर्मचारी शामिल हो सकते हैं जो विधुर या तलाकशुदा या अविवाहित हैं और इस कारण एकल अभिभावक के रूप में उन पर बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी है.

इस कदम को सरकारी कर्मचारियों के जीवन यापन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील सुधार बताते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में आदेश कुछ समय पहले जारी कर दिए गए थे, लेकिन किन्ही वजहों से जनता में इसका पर्याप्त प्रचार नहीं हो पाया. आप को बता दें कि साल 2017 में संशोधन कर महिलाओं को 12 की जगह 26 सप्ताह का पेड मैटरनिटी लीव दिया जा रहा है, जबकि पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन की पैटरनीटि लीव दी जा रही है. 7th Pay Commission: पारिवारिक पेंशन का नियम बदला, लाखों सरकारी कर्मचारियों को ऐसे होगा फायदा

इस प्रावधान में थोड़ी और ढील दिये जाने की जानकारी देते सिंह ने बताया कि बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश पर जाने वाला कोई कर्मचारी अब सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति से मुख्यालय छोड़ सकता है. इसके अलावा, उस कर्मचारी द्वारा छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) का लाभ उठाया जा सकता है, भले ही वह बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश पर हो. इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए, उन्होंने बताया कि बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश की मंजूरी पहले 365 दिनों के लिए 100% सवेतन अवकाश और अगले 365 दिनों के लिए 80% सवेतन अवकाश के साथ दी जा सकती है.

केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कुछ समय से प्राप्त जानकारी के आधार पर,  इस संबंध में उठाया एक अन्य कल्याणकारी कदम यह है कि एक दिव्यांग बच्चे के मामले में, चाइल्ड केयर लीव को बच्चे की 22 वर्ष की आयु तक ही दिए जाने के प्रावधान को हटा दिया गया है और अब किसी भी उम्र के दिव्यांग बच्चे के लिए सरकारी कर्मचारी द्वारा चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठाया जा सकता है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस तरह के फैसले सरकारी कर्मचारियों को उनकी अधिकतम क्षमता के साथ काम में योगदान करने में सक्षम बनाने के लिए लेती है. जबकि भ्रष्टाचार या काम में खराब प्रदर्शन के प्रति कोई ढिलाई या उदारता नहीं बरतने की कई बार चेतावनी भी दे चुकी है.