7th CPC: कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न आर्थिक हालात के कारण बीता साल केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अच्छा नहीं रहा. मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए मंहगाई भत्ते (Dearness Allowance) और बेसिक सैलरी (Basic Salary) को लेकर कुछ बड़ा ऐलान नहीं किया. हालांकि अभी भी केंद्रीय कर्मचारियों ने आस नहीं छोड़ी है. इन सबके बीच हम आपकों परिवहन भत्ता (Travelling Allowance) से जुडी अहम बाते बताने जा रहे है. 7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को इसलिए दिया जाता है महंगाई भत्ता, हजारों करोड़ों रुपये का लगता है बजट
देशभर के सरकारी महकमों में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू किए जाने के बाद से लाखों कर्मचारियों की सैलरी और भत्ते में बड़ा इजाफा हुआ. इसी के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिल रहे परिवहन भत्ते में भी बढ़ोतरी हुई. परिवहन भत्ता कैलक्यूलेटर के लिए यहां क्लिक करें.
ये आदेश केंद्र सरकार के सभी सिविल कर्मचारियों पर लागू होंगे. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को परिवहन भत्ता प्रदान किए जाने के संबंध में साल 2017 में अधिसूचना जारी की गई थी. तब इसमें सरकार ने आशिंक संशोधन किया था. केंद्र सरकार के कर्मचारी जो वेतन मैट्रिक्स के वेतन लेवल 1 और 2 में 24,200 रुपये और इससे अधिक वेतन पा रहे है, उन शहरों में कार्यरत कर्मचारियों को 3600 रुपये प्रतिमाह की दर से परिवहन भत्ता + उस पर मंहगाई भत्ता और सभी अन्य स्थानों में 1800 रुपये की दर से परिवहन भत्ते + उस पर मंहगाई भत्ते दिए जाते है.
ये आदेश 1 जुलाई 2017 से लागू है. ये आदेश उन सिविल कर्मचारियों पर भी लागू होंगे जिन्हें रक्षा सेवा प्राक्कलनों से भुगतान किया जाता है. जबकि सशस्त्र बलों के कार्मिकों और रेलवे कर्मचारियों के संबंध में आदेश अलग से संबधित मंत्रालय द्वारा जारी कियागया है. जहां तक भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग में सेवारत व्यक्तियों का संबंध है, ये आदेश भारत के नियंत्रण महालेखापरीक्षक के परामर्श से जारी किए गए है.