7th Pay Commission: मोदी सरकार ने अगर इस मांग पर लगा दी मुहर, तो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगा बंपर इजाफा!

7वां वेतनमान (7th CPC) पाने वाले केंद्रीय कर्मचारी (Central Government Employees) लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में वृद्धि की मांग कर रहे है. अगर सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर में इजाफे की घोषणा करती है तो कर्मचारियों के वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी. हालांकि मोदी सरकार ने इस संबंध में कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिए है.

रुपया (Photo Credits: PTI)

7th Pay Commission Latest News: 7वां वेतनमान (7th CPC) पाने वाले केंद्रीय कर्मचारी (Central Government Employees) लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में वृद्धि की मांग कर रहे है. अगर सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर में इजाफे की घोषणा करती है तो कर्मचारियों के वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी. हालांकि मोदी सरकार ने इस संबंध में कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिए है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों के यूनियन लंबे समय से न्यूनतम वेतन (Minimum Wage) 18,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये करने और फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना करने की मांग कर रहे हैं. दरअसल फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से न्यूनतम वेतन भी बढ़ेगा. वर्तमान में कर्मचारियों को 2.57 प्रतिशत के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन मिल रहा है, जिसे 3.68 प्रतिशत करने पर कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 8,000 रुपये की वृद्धि होगी. इसका मतलब है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये हो जाएगा. 7th Pay Commission: यहां सरकार ने बदला नियम, अब विवाहित बेटियां भी होंगी पूरी हकदार- जानिए डिटेल्स

सातवीं सीपीसी के अनुसार, अभी अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये है, तो भत्तों को छोड़कर, उसे 2.57 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार 46,260 रुपये (18,000 X 2.57 = 46,260) बतौर सैलरी हर महीने मिलेंगे. अब अगर फिटमेंट फैक्टर 3.68 हो जाता है तो वहीं सैलरी 95,680 रुपये (26000X3.68 = 95,680) हो जाएगी.

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून 2017 में 34 संशोधनों के साथ सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी. इसके तहत प्रवेश स्तर के सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन (Basic Pay) को 7,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया, जबकि उच्चतम स्तर यानी सचिव आदि के लिए 90,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया था.

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