7th Pay Commission: यहां सरकार ने बदला नियम, अब विवाहित बेटियां भी होंगी पूरी हकदार- जानिए डिटेल्स
रुपया (Photo Credits: Unsplash)

7TH CPC Latest News: सातवें वेतन आयोग के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ इन दिनों राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी गुड न्यूज मिल रही है. हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (Dearness Relief) में बड़ा इजाफा हुआ. अगर कोरोना काल से (जनवरी 2020 से) बात की जाएं तो डीए (DA) और डीआर (DR) में बढ़ोतरी कुछ 14 फीसदी की हुई है. वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों और कई राज्यों के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और राहत बढ़कर 31 फीसदी हो गया है. 7th Pay Commission: इन पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, अब बढ़कर मिलेगी फैमिली पेंशन

इस बीच सरकारी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई नियमों में भी बदलाव हुए है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने आश्रित कोटा के नियमों में अहम बदलाव किए है. इसके मुताबिक अब राज्य के सरकारी अधिकारियों की विवाहित बेटियां भी मृतक आश्रित कोटे के तहत सरकारी नौकरी पाने की पात्र होंगी. ये सुविधा उन विवाहित स्त्रियों के लिए होंगी, जिनके पिता की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है.

आश्रितों की श्रेणी में विवाहित बेटी हुई शामिल

हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार ने सर्कुलेशन में बनी राज्य कैबिनेट ने अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने के लिए मृतक सरकारी अधिकारियों के आश्रितों की श्रेणी में 'विवाहित बेटियों' को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब तक, केवल पत्नी, एक विवाहित/अविवाहित पुत्र और अविवाहित पुत्री को मृत सरकारी अधिकारी के आश्रित के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

विवाहित पुत्री को ऐसे मिलेगा फायदा

यूपी सरकार के फैसले के मुताबिक, 'आश्रित बेटियों' की परिभाषा को विस्तृत करते हुए इसमें विवाहित बेटियों को भी शामिल किया गया है. हालांकि मृतक की पत्नी, विवाहित/अविवाहित पुत्र और अविवाहित पुत्री के बाद विवाहित बेटी को निम्न क्रम में रखा जाएगा. इसके आलावा अगर परिवार के अन्य सदस्य सरकारी नौकरी करने से इनकार करते हैं तो उसे भी नौकरी मिल सकती है. यह प्रस्ताव मृत सरकारी सेवक नियम 2021 में 12वें संशोधन के रूप में पेश किया गया था.

'परिवार' की परिभाषा में विवाहित बेटियां भी है

इस साल की शुरुआत में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के नियमों में विवाहित बेटियों को 'परिवार' की परिभाषा से बाहर करना 'असंवैधानिक' और संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है. जनवरी में एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि एक विवाहित बेटी अपने विवाहित भाई या अविवाहित बहन की तुलना में अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के लिए 'कम योग्य नहीं' है. गौर हो कि केंद्र सरकार ने 'परिवार' की परिभाषा में विवाहित बेटियों को भी शामिल किया हुआ है.