6th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की वेतन और पेंशन से संबंधित सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई है, जबकि भत्तों से संबंधित सिफारिशें 1 जुलाई 2017 से लागू हुई है. हालांकि इसका फायदा केंद्रीय कर्मचारियों और कुछ राज्यों के सरकारी कर्मचारियों को ही मिल रहा है. दरअसल आज भी पश्चिम बंगाल, पंजाब की तरह कई अपने कर्मचारियों को छठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सैलरी और भत्ते दे रहे है. यानी की इन राज्यों में अब तक सातवां वेतनमान लागू ही नहीं हुआ है. लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार अपने-अपने कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए जरुरत के मुताबिक निर्णय ले रहे है. 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन को लेकर हुआ बड़ा फैसला, ऐसे होगा फायदा
हाल ही में पंजाब सरकार ने 30 अप्रैल के बाद कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान लागू करने का ऐलान किया है. छठे वेतन आयोग ने सभी कर्मचारियों के वेतन में दो गुना वृद्धि की सिफारिश की है, जिसमें न्यूनतम वेतन 6,950 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया है.
आयोग ने वेतन और अन्य लाभों में प्रमुख बढ़ोतरी का सुझाव दिया है, और सरकारी कर्मचारियों के लिए भत्ते में भी काफी वृद्धि की है. वेतन आयोग की सिफारिशों पर वेतन वृद्धि 2.59 गुना है. रिपोर्ट, जिसे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को सौंपी गई थी, को हाल ही में वित्त विभाग को विस्तृत अध्ययन के लिए भेजा गया है और इसे आगे की कार्रवाई के लिए इस महीने मंत्रिमंडल के समक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं.
विधानसभा में सरकार की प्रतिबद्धता के अनुसार रिपोर्ट को इस साल 1 जुलाई से लागू किया जाना है. वित्त विभाग आगे की कार्रवाई के लिए कैबिनेट को रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले विभिन्न प्रभावों की जांच करेगा. रिपोर्ट में पेंशन और डीए में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है, जबकि छठे वेतन आयोग द्वारा सुझाई गई योजना के तहत निश्चित चिकित्सा भत्ता और मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी दोगुनी करने की सिफारिश की गई है.
जबकि नियत चिकित्सा भत्ते को कर्मचारियों के साथ-साथ समान रूप से पेंशनरों के लिए प्रति माह दोगुना कर 1,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है, मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के मामले में भूतपूर्व अनुदान दरों में वृद्धि, जैसा कि प्रदर्शन किए गए कर्तव्य के लिए सीधे तौर पर मौत के मामले में भी किया जाता है, कर्मचारियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण सिफारिश है. जबकि आयोग ने इंजीनियरिंग कर्मचारियों को डिजाइन भत्ता दोगुना करने और पुलिस कर्मियों को किट रखरखाव भत्ता देने का भी सुझाव दिया है, जिसमें मोबाइल भत्ता वृद्धि 375 रुपये से बढ़ाकर 750 किया गया है.
1 जनवरी, 2016 से वेतन और पेंशन से संबंधित सिफारिशों के कार्यान्वयन की सिफारिश की गई है, जबकि भत्ते से संबंधित लोगों को सरकार द्वारा अधिसूचना की तारीख से सिफारिश की गई है. आयोग की सिफारिशों से सरकारी खजाने पर प्रतिवर्ष 3,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
वहीं, पंजाब सरकार की तर्ज पर ही हिमाचल प्रदेश में भी नया वेतनमान लागू किया जाएगा. बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने पहले ही पंजाब सरकार की नीतियों के मुताबिक ही अपने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का फैसला लिया था. हिमाचल प्रदेश में पौने दो लाख से ज्यादा नियमित कर्मचारी हैं, जबकि हजारों कर्मचारी अनुबंध पर हैं. राज्य सरकार के कुल बजट का एक चौथाई हिस्सा कर्मचारियों की सैलरी पर खर्च होता है. (एजेंसी इनपुट के साथ)