नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच सोमवार से 200 विशेष मेल एक्सप्रेस ट्रेनें पटरियों पर दौड़ने लगेगी. ये सभी ट्रेनें राजधानी श्रेणी की 30 विशेष ट्रेनों से अलग चलाई जाएंगी. इससे पहले भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपील की है कि किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं बहुत जरुरी होने पर ही ट्रेन से यात्रा करें.
रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में अपील की है की उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, कर्करोग, कम प्रतिरक्षा जैसी पूर्व ग्रसित बिमारियों से पीड़ित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जब तक अत्यंत आवश्यक ना हो रेल यात्रा करने से बचें. रेलवे प्लेटफॉर्म पर अभी दुकान खोलने को तैयार नहीं, अधिकारी न बनाएं दबाव: विक्रेता संगठन
Persons with co-morbidities, pregnant women, children below age of 10 years & persons above 65 years of age may avoid travel by rail, except when it is essential: Vinod Kumar Yadav, Chairman, Railway Board pic.twitter.com/N8KZuuIJqC
— ANI (@ANI) May 29, 2020
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासियों को पहुँचाने के लिए भारतीय रेल प्रतिदिन सैकड़ों श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है. इस दौरान यह देखा जा रहा है कि कुछ ऐसे लोग भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं जो पहले से ही बीमारी से पीड़ित हैं और सफर के दौरान उनकी मृत्यु हो जा रही है. दरअसल ऐसे व्यक्ति कोविड़-19 महामारी की चपेट में आसानी से आ सकते है.
Most migrants have been ferried to Uttar Pradesh with around 42% of the total number and Bihar with around 37% of the total: Vinod Kumar Yadav, Chairman, Railway Board
— ANI (@ANI) May 29, 2020
देशभर में 28 मई तक 3,840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई, जिनसे करीब 52 लाख लोग अपने घर पहुंचाए गए. रेलवे ने पिछले एक हफ्ते में प्रतिदिन करीब तीन लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन के अधिकांश यात्री उत्तर प्रदेश (42 फीसदी) और बिहार (37 फीसदी) के प्रवासी श्रमिक है.