भारतीय नौसेना हमेशा से दुश्मनों के सिने में दहशत भरने का काम करती हैं. इस साल इसकी ताकत में और अधिक इजाफा हुआ. दरअसल, सितंबर 2022 में शत्रुओं को ”तारा” दिखाने वाली ताकत रखने वाले ‘ ’ का जलावतरण हुआ. इसके बेड़े में शामिल होने से नेवी की ताकत और बढ़ जाएगी. यह पूरी तरह भारत में निर्मित हैं. आइए जानते हैं इसकी बड़ी बातें.
मेक इन इंडिया के तहत किया गया निर्माण
इसका निर्माण स्वदेशी यानी ”मेक इन इंडिया” के तहत किया गया है. इस जंगी जहाज को मुंबई के माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में निर्मित किया गया है. पोत को लगभग 3,510 टन के वजन के साथ लॉन्च किया जाएगा. दो गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित यह 149.02 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा पोत है.
अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, उन्नत कार्रवाई सुविधाएं
इसे लगभग 6,670 टन के विस्थापन पर 28 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने के लिए डिजाइन किया गया है. स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए इस पोत में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, उन्नत कार्रवाई सूचना प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, विश्वस्तरीय मॉड्यूलर रहने की जगह, बिजली वितरण प्रणाली और कई अन्य उन्नत सुविधाएं होंगी. इसे सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली से लैस किया गया है.
दुश्मनों के विमानों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों के खतरे का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किए गए इस जंगी जहाज की वायु रक्षा क्षमता वर्टिकल लॉन्च और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के आस-पास घूमेगी.
देश में रोजगार
उल्लेखनीय है कि हमारी सेनाओं ने ऐसे रक्षा उपकरणों, जंगी जहाजों, लड़ाकू विमानों की एक लंबी लिस्ट भी बनाई है, जिनकी खरीद स्वदेशी कंपनियों से ही की जा रही है. डिफेंस सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए 25 प्रतिशत बजट भी देश की यूनिवर्सिटीज और देश की कंपनियों को ही उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. इसी कड़ी में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में दो बड़े डिफेंस कॉरिडॉर्स भी विकसित हो रहे हैं. डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लिए उठाए जा रहे इन कदमों से, देश में रोजगार के अनेकों नए अवसर पैदा हो रहे हैं.