Cyclone Yaas: चक्रवात यास को देखते हुए भारतीय तटरक्षक ने अपने साजोसामान की तैनाती की
तटरक्षक (आईसीजी) ने 26 मई, 2021 को पूर्वी तट पर आने वाले चक्रवात यास को देखते हुए अपना साजोसामान की तैनाती की है. सभी तटवर्ती, जलीय एवं विमानन इकाइयां हाई अलर्ट पर हैं और आईसीजी जहाजों तथा विमानों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में तैनात किया गया है.
नई दिल्ली: तटरक्षक (ICG) ने 26 मई, 2021 को पूर्वी तट पर आने वाले चक्रवात यास (Cyclone Yaas) को देखते हुए अपना साजोसामान की तैनाती की है. सभी तटवर्ती, जलीय एवं विमानन इकाइयां हाई अलर्ट पर हैं और आईसीजी जहाजों तथा विमानों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में तैनात किया गया है. आईसीजी रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन नाविकों और मछुआरों के लिए एमएमबी रेडियो पर स्थानीय भाषाओं में मौसम से सम्बंधित चेतावनी संदेशों को प्रसारित कर रहे हैं. नैवटेक्स चेतावनियां नियमित रूप से जारी की जा रही हैं और अंतर्राष्ट्रीय सेफ्टी नेट (आईएसएन) को इस क्षेत्र में पाए जाने वाले/पारगमन करने वाले जहाजों को सचेत करने के लिए सक्रिय किया गया है.
लंगर में जहाजों को आवश्यक सुरक्षा उपायों के रूप में शेल्टर लेने तथा सिंगल पॉइंट्स मूरिंग (एसपीएम) ऑपरेटरों की मदद लेने की सलाह भी दी गई है. आईसीजी ने बंगाल की खाड़ी के गहरे पानी के साथ-साथ तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के तट पर प्रतिदिन औसतन 16 जहाज और तीन विमान तैनात किए हैं. यह भी पढ़े: Cyclone Yaas: शक्तिशाली तूफान तौकते के ‘तांडव’ के बाद अब चक्रवात यास का खतरा, पूर्वी तट से टकराने की आशंका
इसके अलावा फुलाकर तैयार की जाने वाली नौकाओं, जीवन रक्षक पेटियों एवं जीवन रक्षक जैकेट के साथ 31 तटरक्षक आपदा राहत दल (डीआरटी) स्टैंडबाई पर हैं। साथ ही मेडिकल टीमों और एंबुलेंस को भी स्टैंडबाई रखा गया है.
इन आपदा राहत उपायों के साथ आईसीजी ने समुद्र में गईं 254 नौकाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है तथा अब तक पारगमन कर रहे विभिन्न व्यापारिक जहाजों व एंकरेज में 77 जहाजों को सतर्क किया है. पत्तन प्राधिकरणों, तेल रिग ऑपरेटरों, नौवहन, मत्स्य पालन प्राधिकरणों एवं मछुआरा संघों को किसी भी क्षति से बचने के लिए पहले से ही उपाय किये गए हैं और चक्रवात के बारे में सूचित किया गया है.
आईसीजी ने चक्रवात तौकते के बाद पश्चिमी समुद्र तट पर चल रहे खो(साभार पीआईबी)जबीन और बचाव अभियान को जारी रखते हुए अपने साजोसामान को जुटाया है.