गुवाहाटी, 16 मार्च: अरुणाचल प्रदेश में गुरुवार को सेना के हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लापता हुए दो पायलटों की मौत हो गई है. मृतकों की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल वीवीबी रेड्डी और मेजर जयंत ए. के रुप में हुई है. दुर्घटना की खबर सामने आने के बाद भारतीय सेना, एसएसबी और आईटीबीपी की पांच सर्च पार्टियों को तुरंत रवाना किया गया.
हेलीकॉप्टर का मलबा बोमडिला के पास बंगलाजाप गांव के पास मिला था. रावत ने कहा, दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए जा रहे हैं. इस बीच, सेना के सूत्रों ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों ने देखा कि दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर में आग लग गई और उन्होंने पुलिस को सूचित किया. ये भी पढ़ें- Theatre Command In India: साथ मिलकर काम करेंगी भारत की तीनों सेनाएं, दुश्मनों के सामने दीवार साबित होगा थिएटर कमांड
खराब मौसम के कारण क्षेत्र में दृश्यता बहुत खराब थी, जो दुर्घटना के पीछे का कारण हो सकता है. ऑपरेशनल सॉर्टी पर निकले चीता हेलिकॉप्टर का गुरुवार सुबह सवा नौ बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूटने की सूचना मिली थी.
2017 से 2021 के बीच देश में 15 हेलिकॉप्टर क्रैश हुए हैं, इन हादसों में 31 लोगों की मौत हो गई है और 20 घायल हुए हैं. 2022 से अब तक तीन और हेलिकॉप्टर हादसे हो चुके हैं. दो हादसे साल 2022 में अक्टूबर महीने में ही हुए थे. इसमें रुद्र और चीता हेलिकॉप्टर शामिल थे. अब फिर चीता हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है.
चीता हेलिकॉप्टर की खासियत
एचएएल चीता (HAL Cheetah): एयरफोर्स के पास 17 और आर्मी के पास 37 हैं. इसमें 4 पैसेंजर या फिर 1135 KG वजन ले जा सकते हैं. 33.7 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 10.1 फीट है. यह अधिकतम 192 किमी प्रतिघंटा की गति से 515 KM तक उड़ान भरता है. अधिकतम 17,715 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. सियाचिन ग्लेशियर पर यही हेलिकॉप्टर काम आता है.