भारतीय डाक विभाग (India Post) ने मंगलवार को घोषणा की कि बुधवार (15 अक्टूबर) से अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं (International Postal Services) फिर से शुरू की जाएंगी. यह कदम अगस्त में अमेरिकी टैरिफ नियमों के कारण सेवाओं को रोकने के कुछ हफ्तों बाद लिया गया है. डाक विभाग ने बताया कि अब अमेरिका भेजे जाने वाले सभी पार्सल पर लागू कस्टम ड्यूटी अग्रिम रूप से भारत में ही ली जाएगी और इसे सीधे CBP (US कस्टम्स) को भेजा जाएगा.
इस व्यवस्था से कस्टम क्लियरेंस तेज होगा. पार्सल का डिलीवरी समय कम होगा और किसी अतिरिक्त ड्यूटी या देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा. डाक शिपमेंट पर लागू कस्टम ड्यूटी घोषित FOB वैल्यू का 50% तय की गई है.
छोटे व्यापारियों और ई-कॉमर्स को फायदा
डाक विभाग ने कहा कि इस नई व्यवस्था में कोई अतिरिक्त बेस या प्रोडक्ट-विशिष्ट ड्यूटी नहीं लगती.
इससे छोटे व्यापारी, कारीगर, MSMEs और ई-कॉमर्स निर्यातक कम लागत में अमेरिका में सामान भेज सकेंगे. डाक चैनल अब सस्ता और प्रतिस्पर्धी विकल्प बन गया है.
अमेरिका के लिए डाक सेवाएं क्यों की बंद
अमेरिका ने 30 जुलाई 2025 को Executive Order No. 14324 जारी किया, जिसके तहत 800 डॉलर तक के आयातित सामान पर पहले मिलने वाली ड्यूटी-फ्री छूट हटा दी गई. अमेरिका ने यह नहीं बताया कि ड्यूटी कौन व कैसे वसूल करेगा. इसके चलते एयरलाइंस और अन्य एजेंसियों ने कहा कि वे पार्सल नहीं ले जा सकते.
डाक विभाग के उप निदेशक (IR&GB) एलके डैश ने अगस्त में कहा था, "हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था. हम ग्राहकों को असुविधा नहीं पहुंचा सकते."
अन्य देशों ने भी रोकी थी पोस्टल सर्विस
अमेरिका के टैरिफ नियमों की अस्पष्टता के कारण 25 से अधिक देशों ने भी अमेरिका के लिए अपनी डाक सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी थीं.
अब भारत अमेरिका के लिए डाक सेवाओं को फिर से शुरू कर रहा है. नई व्यवस्था से कस्टम क्लियरेंस तेज होगा, पार्सल समय पर पहुंचेगा, और निर्यातकों को लागत में राहत मिलेगी.













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