India or Bharat: देश का नाम बदलने की चर्चा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- विरोध करने वाले संविधान पढ़ें | Video
EAM Dr S Jaishankar | PTI

नई दिल्ली: G-20 Summit से पहले देश में देश के नाम को लेकर चर्चा हो रही है. भारत दुनिया की बीस बड़ी आर्थिक ताकत वाले देशों के संगठन G20 की मेजबानी कर रहा है. यह देश के लिए गर्व की बात है, लेकिन इससे पहले सम्मेलन आमंत्रण पत्र पर लिखे भारत शब्द ने पूरे देश में सियासी हलचल मचा दी. हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या केंद्र सरकार अब देश का नाम इंडिया और भारत नहीं बल्कि सिर्फ भारत करने वाली है? सोशल मीडिया पर इसी विषय पर चर्चा हो रही है और लोग बंटे हुए दिख रहे हैं. कई लोग देश का नाम सिर्फ भारत किए जाने के पक्ष में हैं तो कई लोग इसपर केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं. INDIA to be renamed BHARAT: इंडिया या भारत? सुप्रीम कोर्ट में पहले भी हो चुकी है देश के नाम पर बहस.

देश में 9 से 10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के इन्विटेशन कार्ड्स पर इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर चल रहे विवाद को पर अब विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बात की है. विदेश मंत्री ने कहा, 'जो लोग भारत नाम पर आपत्ति जता रहे हैं उन्हें एक बार संविधान पढ़ लेना चाहिए.'

India, that is Bharat:

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "इंडिया दैट इज भारत' और यह संविधान में है. मैं हर किसी को संविधान पढ़ने के लिए कहूंगा. जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है."

दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार (05 सितंबर) को G20 के डिनर इनवाइट पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे होने का दावा किया था. इसके बाद से ही विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हैं. विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का नाम भी 'इंडिया' है. विपक्ष का कहना है कि इंडिया गठबंधन से डरकर ही प्रेसिडेंट ऑफ भारत का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया के दौरे के बारे में जानकारी देते हुए प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिखा है.