हिंद महासागर (Indian Ocean) में चीन की बढ़ती उपस्थिति से चिंतित, भारत ने अगले साल प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय नौसेनिक अभ्यास के लिए चीन को आमंत्रित नहीं किया है. भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह (Karambir Singh) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इसमें भाग लेने के लिए चीन और पाकिस्तान को छोड़कर कुल 41 देशों को आमंत्रण भेजा गया है. चीन को इस अभ्यास से बाहर रखने के फैसले पर सिंह ने कहा कि केवल समान विचार वाले देशों को अभ्यास में आमंत्रित किया गया है.
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बाद में कहा कि चीन को इस अभ्यास में आमंत्रित नहीं किया गया है, क्योंकि भारत हिंद महासागर में चीन की उपस्थिति को वैधता प्रदान नहीं करना चाहता है. बाद में वह दावा कर सकता है कि उसने क्षेत्र में अभ्यास में हिस्सा लिया था. चीन के बारे में, उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने दो माह पहले एक चीनी रिसर्च पोत को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप के समीप पाए जाने पर वापस जाने को कहा था.
सिंह ने बुधवार को होने वाले नौसेनिक दिवस समारोह से एक दिन पहले कहा, "हमारा पक्ष स्पष्ट है. अगर आपको हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्र(ईईजी) में काम करना है तो, आपको हमसे इजाजत लेनी होगी." उन्होंने कहा कि भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर करीब से निगाह रखे हुए हैं. उन्होंने कहा, "चीन ने 2008 के बाद से हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है. हम उनपर नजर रखे हुए हैं."