India-China Face-Off in Ladakh: तिरंगे से लिपटा सूर्यपेट पहुंचा वीर-सपूत संतोष बाबू का पार्थिव देह, किसी ने लगाया अमर रहें का नारा तो किसी ने भरी आंखो से दी श्रद्धांजलि

लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई में भारत के 20 सैनिकों के शहीद हो गए थे. अब शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके राज्य में सम्मान के साथ लाया जा रहा है. जहां उन्हें परिवार समेत हर एक शख्स नम आंखो से अंतिम बिदाई दे रहा है. 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ उनके सुर्यपेट में लाया गया. जहां पर शहीद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई झड़प में कर्नल संतोष बाबू की जान चली गई थी. शहीद हुए कर्नल बी.संतोष बाबू का परिवार बुधवार को नई दिल्ली से हैदराबाद पहुंचा और बाद में तेलंगाना में अपने गृह नगर सूयार्पेट पहुंच गई थी.

कर्नल संतोष बाबू की अंतिम विदाई ( फोटो क्रेडिट- ANI)

लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई में भारत के 20 सैनिकों के शहीद हो गए थे. अब शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके राज्य में सम्मान के साथ लाया जा रहा है. जहां उन्हें परिवार समेत हर एक शख्स नम आंखो से अंतिम बिदाई दे रहा है. 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ उनके सुर्यपेट में लाया गया. जहां पर शहीद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई झड़प में कर्नल संतोष बाबू की जान चली गई थी. शहीद हुए कर्नल बी.संतोष बाबू का परिवार बुधवार को नई दिल्ली से हैदराबाद पहुंचा और बाद में तेलंगाना में अपने गृह नगर सूयार्पेट पहुंच गई थी.

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की इस हरकत का भारत में जमकर विरोध हो रहा है. वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कह दिया है कि भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है. पीएम मोदी का यह जवाब साफ दर्शाता है कि भारत किसी भी हाल में पीछे हटने वाला नहीं है. सोमवार की रात में भारतीय और चीनी दोनों सेनाओं के बीच खुनी संघर्ष गलवान नदी के दक्षिणी तट पर हुआ था. यह नदी पूरब से पश्चिम की ओर बहती है और श्योक नदी में जाकर मिल जाती है. इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. यह भी पढ़ें:- India-China Face-Off in Ladakh: लद्दाख सीमा पर शहीद 20 जवानों की सूची जारी, यहां पढ़े सभी के नाम.

ANI का ट्वीट:- 

गौरतलब हो कि 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू पिछले डेढ़ साल से भारत-चीन सीमा पर तैनात थे. उनका हैदराबाद तबादला होना था जिसमें कोविड-19 के कारण देरी हुई. शहीद संतोष बाबू के पिता बी.उपेंद्र और मां मंजुला ने कहा कि वे अपने इकलौते बेटे को खोने से दुखी हैं लेकिन उन्हें अपने बेटे पर गर्व है जिसने देश के लिए बलिदान दिया है. संतोष बाबू ने कोरुकोंडा के सैनिक स्कूल में दाखिला लिया था और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी से ग्रेजुएशन किया था. संतोष बाबू साल 2004 में भारतीय सेना में शामिल हो गए थे और कर्नल के पद पर पहुंचे.

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