Japan Condemn Pahalgam Terror Attack: भारत और जापान ने एक बार फिर अपनी गहरी दोस्ती का सबूत दिया है. दोनों देशों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है.
आतंकवाद पर दोनों देशों का कड़ा रुख
शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने कहा कि पहलगाम हमले के पीछे जो भी आतंकी, उनके मददगार और उन्हें पैसा देने वाले लोग हैं, उन्हें जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) नाम के संगठन ने ली है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई. यह सुनकर जापानी प्रधानमंत्री इशिबा ने भी गहरा दुख और चिंता व्यक्त की.
दोनों देशों ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), अल कायदा और ISIS जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के खिलाफ मिलकर ठोस कार्रवाई करने की बात कही. उनका मानना है कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, चाहे वो सीमा पार से ही क्यों न हो.
आतंकियों के ठिकानों को करेंगे नष्ट
दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकियों को कहीं भी सुरक्षित पनाह नहीं मिलनी चाहिए. उनके पैसों के लेन-देन को पूरी तरह से रोकना होगा और आतंकवादियों और अपराधियों के बीच के नेटवर्क को तोड़ना होगा.
दुनिया के अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा
इस बैठक में सिर्फ आतंकवाद ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे बड़े मुद्दों पर भी बात हुई.
- यूक्रेन संकट: दोनों देशों ने यूक्रेन में शांति स्थापित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि बातचीत और कूटनीति के जरिए इस मसले का हल निकलना चाहिए.
- मध्य-पूर्व की स्थिति: मध्य-पूर्व में चल रहे तनाव पर भी चिंता जताई गई. दोनों नेताओं ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और संयम बरतने की अपील की, ताकि हालात और न बिगड़ें.
- गाज़ा का मानवीय संकट: गाज़ा में बिगड़ते हालात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, दोनों प्रधानमंत्रियों ने वहां तुरंत युद्धविराम की मांग की. उन्होंने कहा कि सभी बंधकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए और वहां के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.
कुल मिलाकर, यह बैठक भारत और जापान के मजबूत होते रिश्तों को दिखाती है, जो न केवल अपने देश के लोगों के लिए बल्कि पूरी दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.













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