उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार को हाथरस गैंगरेप मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जांच की सिफारिश की, जिसके बाद भी पीड़िता के परिवार ने सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के रिटायर्ड जज द्वारा जांच की मांग की है. पीड़िता के भाई ने हाथरस जिला मजिस्ट्रेट को सस्पेंड करने की भी मांग की है. पीड़िता के भाई ने कहा कि,'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मामले की जांच कौन करता है, हमारे सवालों के जवाब अभी भी नहीं दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि,'हाथरस डीएम जिसने परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया और परिवार को धमकाने की कोशिश की? उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई'? हम न्याय चाहते हैं, हम सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश द्वारा निगरानी की जांच चाहते हैं." यह भी पढ़ें: Hathras Gangrape Case: प्रियंका गांधी का योगी सरकार पर हमला, कहा-पीड़ित परिवार के अनुसार सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था, बावजूद इसके उन्हें कौन बचा रहा है?
समाजवादी पार्टी के विधायक और प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा, "पीड़ित परिवार लगातार कह रहा था कि उन्हें यूपी सरकार और उसके प्रशासन पर भरोसा नहीं है, उन्होंने मीडिया को इसलिए बैन कर दिया है क्योंकि वे जरुर कुछ छिपाना चाहते हैं. पीड़ित के शरीर का आधी रात को दाह संस्कार कर दिया गया, इसलिए क्योंकि वे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हैं." जब सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है, तो मुझे उन्नाव की घटना याद आई, जहां सीएम ने कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन जब सीबीआई जांच हुई तो वह उसे बचा नहीं पाए.''
देखें ट्वीट:
We want an investigation to be held under a retired Supreme Court judge. We want the #Hathras District Magistrate to be suspended: Brother of the victim in the alleged gangrape case pic.twitter.com/Mv6bbDYmbt
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2020
उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि जिन लोगों ने मिलकर तड़के 3 बजे शव का अंतिम संस्कार कर दिया और पीड़ित परिवार को धमकाने वाले डीएम को अब बख्शा नहीं जाएगा." "अगर सरकार का कोई भी व्यक्ति इस घटना में शामिल पाया जाता है, तो उसे जेल जाना होगा."
बता दें कि सीबीआई जांच की घोषणा तब हुई जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 20 वर्षीय महिला के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस पहुंचे. महिला का गैंगरेप, हत्या और जबरन दाह संस्कार के बाद पूरे देश में व्यापक विरोध शुरू हो गया है.