हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, श्रमिकों के कल्याण के लिए 714 करोड़ रुपये वितरित

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के जरिए श्रमिकों को वित्तीय सहायता तथा अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल (Photo Credits ANI)

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है. सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के जरिए श्रमिकों को वित्तीय सहायता तथा अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है. हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत 714.14 करोड़ रुपये वितरित की राशि गई. हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा 134.57 करोड़ रुपए श्रमिकों को वितरित किये गये हैं. यह राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में वितरित की गई। उन्होंने कहा कि हरियाणा को विकास की दृष्टि से देश के अग्रणी राज्यों में लाने में मेहनतकश श्रमिकों का बड़ा योगदान है. श्रमसाधकों के बल पर ही आज हरियाणा देश में सबसे तेजी से प्रगति करने वाला राज्य बन गया है.

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण किया जा रहा है, जिसमें पूरे देश में हरियाणा असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण प्रथम स्थान पर हैं. कोविड-19 के चलते सरकार द्वारा घोषित वित्तीय पैकेज के अनुसार हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा 30 मार्च, 2020 से निर्माण श्रमिकों के परिवारों को 1000 रुपये प्रति सप्ताह की पांच किस्त अर्थात् 5000 रुपये की राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में उपलब्ध कराई गई हैं. राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों का राज्य रोजगार विधेयक, 2020, पारित किया गया है। इसके तहत हरियाणा के स्थानीय उम्मीदवारों को हरियाणा में स्थित विभिन्न स्थानीय कम्पनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, लिमिटेड देयता, भागीदारी फर्म, व साझेदारी फर्म आदि में 10 वर्षों की अवधि के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण 15 जनवरी 2022 से लागू कर दिया गया है. यह भी पढ़े: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला- अब अफसर बनेंगे ग्राम संरक्षक, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में निभाएंगे अहम भूमिका

प्रवक्ता के मुताबिक प्रदेश के श्रम विभाग पोर्टल पर लगभग 27 हजार कारखानों के लगभग 21 लाख 44 हजार श्रमिक पंजीकृत हैं. इसके अलावा, 3 लाख 55 हजार प्रतिष्ठानों में 27 लाख 49 हजार श्रमिक पंजीकृत हैं। इसी प्रकार केन्द्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर प्रदेश के लगभग 50 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा औद्योगिक एवं वाणिज्यिक श्रमिकों के हित के लिए 25 कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा, हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के लिए 22 कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. वित्त वर्ष 2021-22 में इस बोर्ड ने विभिन्न श्रमिक कल्याण योजनाओं पर लगभग 154 करोड़ रुपये की राशि लगभग 2 लाख 25 हजार श्रमिकों के कल्याण पर खर्च की है. अंत्योदय आहार योजना के तहत श्रमिकों को 10 रुपये में खाना उपलब्ध करवाया जाता है. न्यूनतम वेतन के पुनर्निर्धारण प्रणाली की विसंगतियों को दूर किया है. पहली बार प्रदेश में महंगाई के आंकड़ों का शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है. अकुशल श्रमिकों का वेतन 9803.24 रुपये मासिक है। वेतन अदायगी अधिनियम में संशोधन करके वेतन की अदायगी बैंकों के माध्यम से उनके खाते में की जाती है.

प्रवक्ता के मुताबिक 'मुख्यमंत्री महिला निर्माण श्रमिक सम्मान योजना के तहत सभी पंजीकृत श्रमिक बहनों को कपड़ों व उनकी व्यक्तिगत जरूरत के लिए 5100 रुपये की सालाना वित्तीय सहायता दी जाती है.महिला श्रमिकों को प्रसूति के लिए 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. श्रमिक परिवारों को कन्यादान स्कीम के तहत तीन बेटियों की शादी तक हर शादी में 51 हजार रुपये का कन्यादान दिया जाता है. इसी प्रकार, बेटे व स्वयं की शादी पर भी 21 हजार रुपये की शगुन राशि दी जाती है.

उन्होंने कहा कि श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए पहली कक्षा से स्नातक तक 8 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये वार्षिक तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। तकनीकी व व्यावसायिक संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों के छात्रावास का 1 लाख 20 हजार रुपये वार्षिक तक का खर्च भी प्रदान किया जाता है. सरकारी संस्थानों में मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन इत्यादि की शिक्षा ग्रहण कर रहे श्रमिकों के बच्चों की कोचिंग के लिए 20 हजार रुपये तक तथा UPSC एवं HPSC की मुख्य परीक्षा की कोचिंग के लिए 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. उच्च कार्य कुशल, अनुशासन और सामाजिक दायित्व का निर्वहन करने वाले श्रमिकों को मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार योजना में 51 हजार रुपये से 2 लाख रुपये तक की राशि के पुरस्कार दिये जाते हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि श्रमिक की दुर्घटना होने पर बोर्ड द्वारा तुरन्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। बोर्ड द्वारा श्रमिक की दिव्यांगता पेंशन 3,000 रुपये कर दी गई है और 60 वर्ष की आयु उपरान्त 1,000 रुपये की राशि अतिरिक्त दी जाती है। काम के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर श्रमिक के परिवार को 5 लाख रुपये तक की राशि की सहायता दी जाती है.मुख्यमंत्री श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना में अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए 15 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। भवन निर्माण और उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के फेफड़े सिलीकोसिस की विकट बीमारी से प्रभावित होते हैं, उनके लिए वर्ष 2017 से विशेष योजना लागू की गई है. इसके तहत प्रभावित श्रमिक के पुनर्वास हेतु 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है. मरणोपरांत भी श्रमिक के परिवार को इस योजना के अनुसार 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब तक 23 करोड़ 37 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है.

भवन निर्माण और उद्योगों में कार्यरत पंजीकृत श्रमिकों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के लाभ डी.बी.टी. के माध्यम से दिए जा रहे हैं। श्रमिकों को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए अंत्योदय सरल केंद्रों, अंत्योदय भवन और राज्य के सी.एस.सी. सेंटर्स के माध्यम से पंजीकरण करवाना होता है.

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