नई दिल्ली, 20 सितंबर : हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख करीब है. पांच अक्टूबर को प्रदेश की सभी सीटों पर वोट डाले जाएंगे. लेकिन चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस सीएम फेस को लेकर कशमकश में हैं. कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा भी इस बार के चुनाव में सीएम चेहरे को लेकर कशमकश में है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे पार्टी की आंतरिक राजनीति, विभिन्न समूहों के बीच मतभेद और पिछले कार्यकाल के दौरान जनता की प्रतिक्रिया. दूसरी तरफ, कांग्रेस जो पिछले कई वर्षों से लगातार अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, वह भी सीएम फेस को लेकर स्थित साफ नहीं कर रही है. आईए समझते हैं कि सीएम फेस को लेकर भाजपा और कांग्रेस आखिरकार क्यों कशमकश की स्थिति में है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा ने कुछ महीने पहले ही नायब सिंह सैनी के हाथ में मुख्यमंत्री पद की कमान दी थी. शायद यही वजह है कि भाजपा न तो नायब सिंह सैनी को सीएम फेस बना रही है न ही उनके कार्यकाल में हुआ कामों का जिक्र करके वोट मांग रही है. भाजपा हरियाणा में जगह-जगह जाकर अपने दस साल के कार्यकाल के आधार पर वोट मांग रही है. दूसरी तरफ, कांग्रेस भी सीएम फेस को लेकर किसी के नाम का ऐलान नहीं किया है. बीते दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक होगी और पार्टी के विधायक अपना नेता चुनेंगे. यह भी पढ़ें : राहुल और प्रियंका गांधी के लिए SPG सुरक्षा की मांग, कांग्रेस ने NDA नेताओं से मिली धमकियों का दिया हवाला
भूपेंद्र हुड्डा को सीएम फेस नहीं बनाए जाने के पीछे की वजह अधिकांश लोग इस बात को मानते हैं कि हुड्डा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं, जिसकी जांच चल रही है. शायद यही वजह कि कांग्रेस उनके दागी होने के चलते उन्हें सीएम फेस नहीं बना रही है. इसके अलावा कांग्रेस के विरोधी दल अक्सर यह कहते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस बाप-बेटे की पार्टी बनकर रह गई है, यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है कि कांग्रेस ने हुड्डा को सीएम फेस नहीं बनाया.