नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में दिए गए भाषण और 11 प्रस्तावों को "खोखला" करार दिया है. पार्टी ने पीएम मोदी को "दुनिया का सबसे बड़ा इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला" बताते हुए कहा कि उनका भाषण "व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी" को भी मात देता है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी के 110 मिनट लंबे भाषण की तुलना स्कूल के "गणित के डबल पीरियड" से की और इसे "उबाऊ" करार दिया. उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि प्रधानमंत्री कुछ नया कहेंगे, लेकिन उन्होंने वही पुरानी बातें दोहराईं. यह भाषण दशकों पहले के अनुभव जैसा लगा."
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "पीएम मोदी के पास 'एंटायर पॉलिटिकल साइंस' में एमए है, जो भी इसका मतलब हो. लेकिन आज उन्होंने दिखा दिया कि वे इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने में भी मास्टर हैं."
VIDEO | "The PM said nothing new and bored us all. I felt like I was sitting in that double-math period in school. His 11 resolutions are hollow. If there is zero tolerance for corruption, then there should be a debate on the Adani issue," says Congress MP Priyanka Gandhi Vadra… pic.twitter.com/xGXz7uXzGF
— Press Trust of India (@PTI_News) December 14, 2024
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने पीएम के भाषण को "थकी हुई और पुरानी कांग्रेस-विरोधी बयानबाजी" कहा. उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम ने संविधान पर चर्चा के दौरान समाज में व्याप्त असमानता और अन्याय पर कुछ नहीं कहा.
कांग्रेस के नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि जब राहुल गांधी ने बहस में भाग लिया तो प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री सदन में मौजूद क्यों नहीं थे. वहीं, कांग्रेस ने दावा किया कि पीएम का भाषण सिर्फ "ब्लेम गेम" था और इसमें कुछ भी नया नहीं था.
कांग्रेस के डिप्टी नेता गौरव गोगोई ने तंज कसा कि पीएम मोदी को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी का धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने संविधान पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, "कांग्रेस की दूरदर्शिता से ही संसद में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर जीवंत बहस हो पाई."
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस पर संविधान को बार-बार "घायल" करने का आरोप लगाया, जबकि उनकी सरकार ने 2014 से देश को मजबूत और एकजुट बनाने की दिशा में काम किया है.