Rajasthan Gujjar Protest: आंदोलनकारियों ने भरतपुर में ब्लॉक किया रेलवे ट्रैक, 7 ट्रेनों की किया गया डायवर्ट
गुर्जर आरक्षण आंदोलन (Photo Credits: ANI)

जयपुर: राजस्थान में आरक्षण की अपनी मांग को लेकर रविवार दोपहर के बाद गुर्जर आरक्षण (Gujjar reservation) आंदोलनकारियों ने भरतपुर में रेलवे पटरियों को ब्लॉक कर दिया. आंदोलन के कारण हिंदौन शहर-बयाना रेल मार्ग पर लगभग सात ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है. भरतपुर में रविवार को बड़ी संख्या में लोगों ने रेल का रास्ता रोक दिया तो कई पटरियों को उखाड़ते हुए दिखे. बताया जा रहा है कि रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारियों ने ट्रैक की पिक्स प्लेटो को निकाल दिया है.

राजस्थान में आरक्षण के लिए आंदोलन पर गुर्जर समाज के दो धड़ों में बंट गया है. एक वर्ग सरकार की बात मानने को राजी हो गया था, लेकिन दूसरे ने पीलूपुरा में विरोध शुरू कर दिया. गुर्जरों के एक गुट की राज्य सरकार के साथ उनकी मांगों के कई बिंदुओं पर सहमति बनने के बावजूद गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में समाज के लोग भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा में जुटे हैं.

7 ट्रेनों की किया गया डायवर्ट:

कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल ने बताया कि निजामुद्दीन कोटा, जनशताब्दी एक्सप्रेस को डायवर्ट किया गया है. बांद्रा से गोरखपुर को जाने वाली अवध एक्सप्रेस और दिल्ली से मुंबई की ओर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस को भी डाइवर्ट किया है.

इससे पहले रविवार को, गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा, "युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. उनके बीच गुस्सा है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हमने गहलोत जी से बात की है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है."

वहीं राजस्थान सरकार ने विरोध के एक दिन पहले शनिवार को विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने की संभावना के चलते एहतियात के तौर पर आठ जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था. इन जिलों में टोंक, भरतपुर, बूंदी, धौलपुर, दौसा, झालावाड़, करौली और सवाई माधोपुर शामिल थे. राज्य सरकार ने शुक्रवार को इंटरनेट सेवाओं, एसएमएस, एमएमएस, फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को 24 घंटे के लिए निलंबित कर दिया था.

गुर्जर समुदाय वर्षों से मोस्ट बैकवर्ड क्लास के हिस्से के रूप में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. इससे पहले अक्टूबर में, कर्नल करोरी सिंह बैंसला के अधीन गुर्जर आरक्षक संघर्ष समिति ने राजस्थान के अडा गांव में महा-पंचायत का आयोजन किया और 1 नवंबर को बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया था.