Gujarat: हाईकोर्ट ने संपादक के खिलाफ देशद्रोह का मामला खारिज किया, CM विजय रूपाणी को लेकर कही थी ये बात

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने एक पत्रकार (Journalist) के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को खारिज कर दिया है. दरअसल पत्रकार ने मई महीने में राज्य में बढ़ते कोरोनो वायरस मामलों की आलोचना करते हुए गुजरात (Gujarat) में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव दिया था.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने एक पत्रकार (Journalist) के खिलाफ दर्ज राजद्रोह (Sedition) के मामले को खारिज कर दिया है. दरअसल पत्रकार ने मई महीने में राज्य में बढ़ते कोरोनो वायरस मामलों की आलोचना होने के कारण गुजरात (Gujarat) में नेतृत्व परिवर्तन होने की खबर लिखी थी. इस रिपोर्ट के लिए पत्रकार के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था. UP: राजद्रोह मामले में आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली गई

जस्टिस आर पी ढोलारिया (R P Dholaria) की एक जज वाली बेंच ने यह आदेश तब दिया जब संपादक और फेस ऑफ नेशन (Face of Nation) के मालिक धवल पटेल (Dhaval Patel) ने कथित रूप से अपमानजनक लेख के लिए बिना शर्त माफी मांगी. पुलिस के अनुसार, 7 मई को धवल पटेल ने कथित तौर पर एक स्टोरी में संभावना जताई थी कि केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) को गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन के लिए हाईकमांड ने बुलाया है. बीजेपी नेता मनसुख मंडाविया गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं.

धवल पटेल ने अपने आर्टिकल में उल्लेख किया था कि गुजरात में कोरोना वायरस के कारण हालात बिगड़ रहे है. संक्रमण के मामले बढ़ने के पीछे  गुजरात के सीएम विजय रूपाणी (Vijay Rupani) की विफलता है, जिसे नई दिल्ली ने भी समझा है और मंडाविया को आलाकमान ने बुलाया है. जिसके कारण राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने की अटकलें तेज हो गयी है.

जिसके बाद पटेल पर आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54 (झूठी चेतावनी के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था. धवल को इस साल मई में गिरफ्तार किया गया था और 15 दिनों तक साबरमती सेंट्रल जेल (Sabarmati Central Jail) में रखा गया था. इसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया.

बीते 6 नवंबर को दिए गए अपने आदेश में जस्टिस ढोलारिया की बेंच ने कहा, "क्योंकि वर्तमान याचिकाकर्ता युवा पत्रकार है और उसने अपने करियर की शुरुआत की है. याचिकाकर्ता ने माफी मांगी है और कोर्ट उसकी माफी से संतुष्ट है.” कोर्ट ने पटेल को भविष्य में बिना सत्यापन के इस तरह का कोई भी लेख लिखने से सावधान किया.

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