कोलकाता, 27 अगस्त: पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर की अवैध पटाखा फैक्ट्री में रविवार सुबह विस्फोट हो गया, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 7 लोगों की मौत हो गई. इसको लेकर राज्य के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने ममता सरकार की आलोचना की है. साथ ही राज्यपाल ने लड़कियों के जीवन में सुधार लाने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पसंदीदा योजना 'कन्याश्री प्रकल्प' पर भी निशाना साधा.
राज्यपाल ने कहा, ''जब तक 'बेटियों' का जीवन सुरक्षित नहीं हो जाता, तब तक 'कन्याश्री' कभी सफल नहीं होगी. राज्यपाल के तौर पर जो भी जरूरी होगा मैं करूंगा और सोमवार को मौके पर रहूंगा. इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर विस्फोट की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है। पत्र में उन्होंने दावा किया कि चूंकि वहां उग्रवाद संबंधी गतिविधियों से इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिए मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराना जरूरी है. यह भी पढ़े: Blast in West Bengal: टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की जनसभा से पहले बंगाल में ब्लास्ट, 3 की लोगों मौत
यहां तक कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) के एकमात्र प्रतिनिधि नौशाद सिद्दीकी ने भी मामले में एनआईए जांच की मांग की है. उनका कहना है कि बंगाल के मंत्री रथिन घोष इस धमाके के लिए एआईएसएफ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसलिए एनआईए जांच होने दीजिए और सच्चाई सामने आने दीजिए.
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि विपक्षी दल अनावश्यक रूप से एक दुर्घटना का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं. दुर्घटना तो दुर्घटना होती है, जिसके लिए पूरे पटाखा उद्योग को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। रेल दुर्घटनाएं होती रहती हैं] लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि ट्रेन सेवाएं रोक दी जानी चाहिए?