इंफाल, 14 अक्टूबर: मणिपुर सरकार ने सरकारी नौकरी या विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने के लिए एक परिवार में बच्चों की संख्या चार तक सीमित कर दी है. मणिपुर के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री एस. रंजन ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को अपनी बैठक में फैसला किया कि चार से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति या परिवार को नौकरियों के अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं से बाहर रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने वेब सीरीज 'xXx' पर एकता कपूर को लगाई फटकार, कहा 'युवा पीढ़ी का दिमाग खराब कर रही हैं आप'
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की जिसने निर्णय लिया और मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग की स्थापना को मंजूरी दी. रंजन ने कहा कि राज्य विधानसभा ने पहले मणिपुर में जनसंख्या आयोग की स्थापना के लिए एक निजी सदस्य प्रस्ताव को अपनाया था.
भाजपा विधायक, खुमुक्च म जोयकिसन ने राज्य में जनसांख्यिकीय पैटर्न को प्रभावित करने वाले राज्य में बाहरी लोगों की कथित घुसपैठ पर प्रस्ताव पेश किया था. आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए विधायक ने सदन को बताया था कि मणिपुर के पहाड़ी जिलों में 1971-2001 के दौरान 153.3 प्रतिशत की जनसंख्या वृद्धि 2001-2011 के दौरान 250 प्रतिशत हो गई. नागा, कुकी और जोमी और अन्य आदिवासी ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
असम सरकार ने भी करीब एक साल पहले, एक आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि 1 जनवरी 2021 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी नौकरियों का लाभ नहीं दिया जाएगा.